उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए शुरू किए गए मिशन शक्ति अभियान के तहत रामपुर जिला प्रशासन कोई कसर छोड़ना नहीं चाहता।
आमतौर पर नजरों से ओझल और परदे में रहने वाली मदरसे की छात्राओं तक मिशन शक्ति की पहुंच बनाने के लिए सीडीओ रामपुर ग़ज़ल भारद्वाज ने रामपुर स्थित लड़कियों के मदरसे में जाकर छात्राओ को महिला सम्मान सुरक्षा और स्वालंबन के आवश्यक गुर सिखाए।
रामपुर के सिविल लाइन स्थित लड़कियों के इस्लामिक शिक्षण संस्थान जामिया तुस्सालेहात मैं मिशन शक्ति के अंतर्गत आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंची रामपुर की मुख्य विकास अधिकारी ग़ज़ल भारद्वाज ने छात्राओं को संबोधित करते मिशन शक्ति के तीन स्तंभों – नारी सम्मान, नारी सुरक्षा और नारी स्वावलंबन को विस्तार से समझाया।
- एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना
- Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena
- आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान
उन्होंने कहा कि जब हम नारी सम्मान की बात करते हैं तो उसके लिए नारी स्वालंबन भी जरूरी है क्योंकि अक्सर देखने में आया है कि बच्चे पिता से तो डरते हैं लेकिन मां से नहीं डरते। शायद इसलिए के पिता उनकी फीस देता है, उनके लिए आवश्यक धन जुटाता है। इसलिए नारी को सम्मान तभी मिल सकता है जब वह खुद अपने आप में स्वावलंबी हो।
उन्होंने कहा कि जब हम नारी सुरक्षा की बात करते हैं तो केवल सड़क पर चलते हुए सुरक्षा नहीं बल्कि घर के अंदर भी और कार्यस्थल पर भी महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान का ध्यान रखना होगा।
पिछले दिनों रामपुर के विकास भवन में फीडिंग रूम स्थापित करने का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि अपने काम के लिए आने वाली ऐसी महिलाओं को जिनकी गोद में बच्चे होते थे और उन को दूध पिलाने की आवश्यकता होती थी परंतु संकोच और बच्चे को दूध पिलाने का उपयुक्त स्थान नहीं होने के चलते महिलाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था यह भी एक महिला सम्मान का मामला है।
कौन हैं ग़ज़ल भारद्वाज ?
सी डी ओ रामपुर ग़ज़ल भारद्वाज एक आईएएस अधिकारी हैं और उत्तराखंड टॉपर रह चुकी हैं। उन्होंने छात्राओं को अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि जब आप कोई सपना साकार करने के बारे में सोचते हैं तो सबसे पहले आपके अंदर से डर उत्पन्न होता है। सबसे पहले अपने अंदर से पैदा हुए इस डर से लड़ना होता है कि क्या यह हो पाएगा, अगर मैं विफल हो गई तो लोग क्या कहेंगे। लेकिन हमेशा ध्यान रखना चाहिए के हार के बाद ही जीत मिलती है।
उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा,” मैं भी फेल हुई थी लेकिन फेल होने से मेरा साहस और बढ़ा और बहुत कुछ सीखने को भी मिला। उन्होंने कहा कि ऐसा कोई पद नहीं जिसे हम पा नहीं सकते।
इतना ही नहीं ग़ज़ल भारद्वाज ने अल्लामा इक़बाल का एक शेर पढ़कर छात्राओं का दिल जीत लिया-
बाग़े बहिश्त से मुझे हुकमें सफर दिया था क्यों,
कारे जहां दराज है, अब मेरा इंतजार कर,
इस शेर में ईश्वर से शिकायत करते हुए बंदा कह रहा है कि ,हे ईश्वर तूने मुझे स्वर्ग से इस संसार में जब भेजा है तो आप मुझे अपना कार्य पूरा कर लेने दे, जो मुझे चैलेंज तू ने दिए हैं मैं उनको पूरा करके ही आऊंगा तब तक तू इंतजार कर…
उन्होंने बताया कि मिशन शक्ति के अंतर्गत बच्चों को सुरक्षा के गुर सिखाए जा रहे हैं जिसमें नारी सम्मान नारी स्वावलंबन और नारी सुरक्षा के लिए शिक्षा के साथ-साथ मानसिकता के परिवर्तन की आवश्यकता है और यह घरों के अंदर से शुरू होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा के साथ-साथ प्रैक्टिकल भी कराया जाना चाहिए और बच्चों को समाज के उन लोगों से रूबरू कराना चाहिए जो के मेहनत और जद्दोजहद करके जीवन यापन कर रहे हैं।
- एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना
- Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena
- आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान
- UP Bye-Elections 2024: नेता प्रतिपक्ष पहुंचे रामपुर, उपचुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी पर लगाए गंभीर आरोप
- लोकतंत्र पर मंडराता खतरा: मतदाताओं की जिम्मेदारी और बढ़ती राजनीतिक अपराधीकरण- इरफान जामियावाला(राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पसमंदा मुस्लिम महाज़)