जौहर यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी आज़म खान के समर्थन में रामपुर पहुँचे

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Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर

आज़म खान की जौहर यूनिवर्सिटी की 1400 बीघा जमीन उत्तर प्रदेश सरकार के नाम दर्ज करने की कार्रवाई के बाद अब इस मुद्दे पर  सियासत गरमाती जा रही है।

उर्दू के मशहूर शायर और कांग्रेस पार्टी के नेता इमरान प्रतापगढ़ी और भोपाल मध्य के कांग्रेसी विधायक आरिफ मसूद ने रामपुर पहुंचकर आजम खान की विधायक पत्नी डॉ तज़ीन फातमा से मुलाकात की।

इस मौके पर मीडिया से रूबरू होते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को विश्वविद्यालयों से हमेशा तकलीफ रही है वे चाहे अलीगढ़ हो, जामिया हो या जेएनयू हो। अब जौहर यूनिवर्सिटी निशाने पर रखे हुए हैं और हम इस कार्रवाई के खिलाफ आंदोलन चलाने के लिए तैयार हैं। 

उन्होंने कहा कि अभी तक हम यह समझते रहे के आजम खान(Azam Khan) के खिलाफ राजनीतिक बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है। लेकिन अब जब जौहर यूनिवर्सिटी को निशाना बनाया गया और उसको खत्म करने की साजिश की जा रही है। ऐसे में हम खुलकर जौहर यूनिवर्सिटी के मुद्दे पर कंधे से कंधा मिलाकर आंदोलन करने को आए हैं।

कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढ़ी ने एक शेर के साथ मीडिया से बात करते हुए कहा-

फिर मेरे सर पर कड़ी धूप की बौछार गिरी, मैं जहां जाकर रुका वहीं दीवार गिरी

लोग किस्तों में कत्ल करेंगे मुझे शायद, सबसे पहले मेरी आवाज़ पर तलवार गिरी

दरअसल अब तक जो रामपुर में हो रहा था वह राजनीतिक उत्पीड़न था और बदले की भावना से काम हो रहा था। मैं कांग्रेस पार्टी में हूं हम सब उसे यह मान रहे थे ठीक है राजनीतिक उत्पीड़न की वजह से ही काम हो रहा है। आज हमला यूनिवर्सिटी को पूरी तरह से बर्बाद करने की मुहिम जैसा हुआ। यूनिवर्सिटी के साथ देश का हर पढ़ा लिखा इंसान खड़ा है।

उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकारों को हमेशा से विश्वविद्यालयों से तकलीफ रही है चाहे अलीगढ़ हो जेएनयू हो जामिया हो या फिर अब जौहर यूनिवर्सिटी हो।

इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा,” मैं आज रामपुर इसलिए आया हूं अब्दुल्ला मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं और अब्दुल्ला की माँ भी मेरी मां की तरह हैं, मेरी अम्मी की तरह हैं। जौहर यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए किस तरह से तहरीक शुरू की जा सकती है। इंशाल्लाह मैं कोशिश करूंगा कि उस पर काम हो। देशभर का नौजवान इस यूनिवर्सिटी को बचाने के लिए खड़ा हो। क्योंकि यह यूनिवर्सिटी सिर्फ आजम खां की नहीं है पूरे देश की यूनिवर्सिटी है, पूरे समाज की यूनिवर्सिटी है। यह स्वतंत्रता संग्राम के सिपाही मौलाना मोहम्मद अली जौहर के नाम से यूनिवर्सिटी है।

इमरान प्रतापगढ़ी ने कहा,”सबसे पहले तो मैंने एक दायरा तोड़ा है मैं दलगत राजनीति से ऊपर उठकर मैं यहां बैठा हूं। प्रदेश भर में लोगों से जाकर अपील करूंगा। विश्वविद्यालय में अभी भी बच्चे पढ़ रहे हैं।

यूनिवर्सिटी की जमीन ले लेना सरकारी जमीन अगर है भी तो इस्तेमाल तो अच्छे कामों के लिए हो रही है। आप यूनिवर्सिटी को बंद कर देना चाहते हैं हम नहीं चाहते कि शिक्षा का मंदिर बंद हो।
 हमारे  मुख्यमंत्री को भी समझना होगा 10 महीने आप ने एक 70 साल की बूढ़ी महिला को जेल में रखा, बहुत छोटे-छोटे मामलों में। उनका कंधा फैक्चर हो गया सुन कर  मेरी आंखें नम हो गई। राजनीतिक बदले की भावना में सरकार को इस हद तक नहीं जाना चाहिए। सरकार एक व्यक्ति से लड़ते-लड़ते उसके परिवार से और उसके बनाए गए संस्थान पर हमलावर हो गई उसे बर्बाद करना चाहती है। 

भोपाल से आए कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा,” मेरा आजम भाई से 25 साल पुराना ताल्लुक है। मैंने राजनीति में उनके साथ काम किया है। बराबर आजम भाई पर राजनीतिक हमले हो रहे थे, हम देखते रहे। राजनीतिक दुर्भावना से ही हमले चल रहे थे परिवार तक चले। अब लगा कि अब इंतहा हो गई है अब उठ कर खड़े होना चाहिए। इमरान प्रतापगढ़ी और मैं मिलने आए हैं और हम देश के अंदर एक मुहिम चलाएंगे। यह आपकी आवाज को कब तक दबाया जाएगा उसी सोच पर हम आज यहां आए हैं और आज़म खान  की बीवी से मुलाकात की है विश्व विद्यालय पर जिस तरह की ज़्यादतियां हो रही है परिवार पर ज़्यादतियां हो रही हो सब जाना।

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