कांग्रेस महाधिवेशन संपन्न: 137 साल के सफर के विज्ञापन से आजाद भारत में कांग्रेस के पहले अध्यक्ष(मुस्लिम) की तस्वीर गायब, कांग्रेस ने मांगी माफ़ी

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कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने अपने ट्वीट में लिखा, आज कांग्रेस द्वारा जारी एक विज्ञापन में मौलाना आजाद की तस्वीर नहीं थी। यह एक क्षमा न करने योग्य भूल है।

कांग्रेस का 85वां महाअधिवेशन आज संपन्न हो गया। महाधिवेशन समाप्ति पर जारी रायपुर डिक्लेरेशन में कहा गया है कि कांग्रेस एक मजबूत और एकजुट भारत के निर्माण के लिए एक नए संकल्प और साझा उद्देश्य का संदेश जन-जन तक पहुंचाएगी।

अधिवेशन के दौरान कांग्रेस ने अपने मुस्लिम अध्यक्ष रहे नेताओं के फ़ोटो विज्ञापन में नहीं छापे यहाँ तक कि मौलाना अब्दुल कलाम आज़ाद तक को विज्ञापन में जगह नहीं दी जिससे मुस्लिम समाज नाराज़ है।

इसी नाराज़गी को लेकर पत्रकार वसीम अकरम त्यागी ने ट्वीट कर सवाल किया,”ऐसे अनगिनत नाम हैं जिन्होने कांग्रेस को बनाया, अपने खून से सींचा, यातनाएं सहीं जेल गए लेकिन आज कांग्रेस सबको भुला बैठी है। अपने 137 पूरे होने के संबंध में कांग्रेस ने जो विज्ञापन जारी किया उसमे एक भी मुस्लिम नही है। जबकि 137 वर्ष के सफर में कांग्रेस के आठ अध्यक्ष मुस्लिम रहे हैं।”

हालांकि कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कांग्रेस की इस बड़ी ग़लती की माफ़ी भी मांगी। उन्होंने लिखा,” आज कांग्रेस द्वारा जारी एक विज्ञापन में मौलाना आज़ाद की तस्वीर नहीं थी। यह एक क्षमा न करने योग्य भूल है। इसकी ज़िम्मेदारी तय की जा रही है और कार्रवाई की जाएगी। हम दिल से माफ़ी मांगते हैं। वह हमारे और पूरे भारत के लिए एक प्रतिष्ठित और प्रेरक व्यक्ति बने रहेंगे।”

वो आठ मुसलमान जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष बने

आज़ादी से पहले 8 मुसलमान कांग्रेस के सदर यानी अध्यक्ष बने हैं। इनमे सबसे पहला नाम ‘बदरुद्दीन तैयबजी’ का आता है जो 1887 मे मद्रास सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए और सबसे आख़िर नाम मौलाना अबुल कलाम का आता है जो दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। पहली बार 1923 में जब वह केवल पैंतीस साल के थे, और दूसरी बार 1940 में वह कांग्रेस के अध्यक्ष 1946 तक बने रहे।

1:- बदरुद्दीन तैयबजी 1887 मे मद्रास सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए

2:- रहमातुल्लाह एम सियानी 1896 मे कलकत्ता सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए

3:- नवाब सैयद मोहम्मद बहादुर 1913 मे कराची सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए

4:- सैयद हसन इमाम 1918 मे बम्बई सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए

5:- हकीम अजमल खान 1921 मे अहमदाबाद के सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए

6:- मौलाना मोहम्मद अली जौहर 1923 मे कोकनाड़ा सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए

7:- मौलाना अबुल कलाम आजाद भी 1923 मे दिल्ली के स्पेशल सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए

8:- ड़ॉ मुख़तार अहमद अंसारी 1927 मे मद्रास सेशन में कांग्रेस के सदर चुने गए

मौलाना अबुल कलाम आजाद को दो बार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिये चुना गया। पहली बार 1923 में जब वह केवल पैंतीस साल के थे, और दूसरी बार 1940 में वह कांग्रेस के अध्यक्ष 1946 तक बने रहे क्योंकि इस अवधि में कोई चुनाव नहीं हुआ, क्योंकि लगभग हर कांग्रेसी नेता भारत छोड़ो आन्दोलन (1942) के कारण जेल में था।

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