दिल्ली पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी प्रोजेक्ट को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से 44वां महात्मा गांधी लीडरशिप अवार्ड-2024 मिला

Date:

दिल्ली पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी एक अनूठी सामुदायिक पुलिसिंग परियोजना बनकर सामने आई है। पिछले 12 सालों से जरूरतमंद छात्रों को शैक्षिक सहायता प्रदान कर रही है I

नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्ली पुलिस की एक अनूठी सामुदायिक पुलिसिंग परियोजना है, जिसका प्रबंधन शिखर संगठन द्वारा किया जाता है, गांधी जयंती के मौके पर एनआरआई सोसाइटी ऑफ इंडिया- यूके चैप्टर द्वारा 44वें महात्मा ज्ञानी लीडरशिप अवार्ड-2024 से, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी- यूके, से सम्मानित किया गया।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिलने पर सभी अधिकारियों एवं सहयोगी साझेदारों ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए टीम के सभी सदस्यों को बधाई दी है। यह सम्मान समारोह एशमोलियन म्यूजियम, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-यूके, मैं गांधी जयंती के मौके पर आयोजित किया गया था। पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी प्रोजेक्ट को विशेष श्रेणी-शिक्षा में शामिल किया गया।

नदीम अख्तर, निदेशक और अनम गांधी, समन्वयक, दिल्ली पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी, मुख्य अतिथि श्री माइक रोवले, लॉर्ड मेयर ऑफ ऑक्सफोर्ड और एच.ई. एलेन सेंटएन्जे सेशेल्स के प्रख्यात नेता और दूसरे महत्वपूर्ण अतिथियों के हाथों से ये पुरस्कार एशमोलियन संग्रहालय, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, यूके, प्राप्त किया। इस मौके पर 150 से भी ज्यादा लोग मौजूद थे जो इंग्लैंड के अलावा 25 देशो के प्रतिभागियों ने इस पुरस्कार समारोह में हिस्सा लिया।

Hind Guru
Advertisement

आपको बता दें कि दिल्ली पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी, दिल्ली पुलिस-  शिखर, द्वारI सामुदायिक पहल के अंतर्गत अनूठा प्रोजेक्ट फरवरी- 2012,मैं शुरू किया था, और इस प्रोजेक्ट को चलाने की जिम्मेदारी शिखर एनजीओ के संस्थापक नदीम अख्तर को दी गई थी, जिसकी शुरुआत उस समय के डीसीपी अजय चौधरी,आईपीएस ने की थी, बाद में मैं इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ानय मैं देवेश श्रीवास्तव, आईपीएस, विशेष पुलिस आयुक्त ने एक अहम भूमिका निभाई,और  ये लाइब्रेरी प्रोजेक्ट पूरा भारत में सबसे अच्छा सामुदायिक पुलिसिंग प्रोजेक्ट बनकर सामने आया है।

ये प्रोजेक्ट दिल्ली पुलिस – शिखर एक अनोखा सामुदायिक पुलिसिंग प्रोजेक्ट है जिसके अंतर्गत 16 पुलिस स्टेशनों के अंदर खIसकर ज़रुरतमंद छात्रों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी चल रही है जिसमें वो अपने शैक्षणिक सपनों को पूरा करने में सक्षम है। पिछले साल 29 स्टूडेंट्स का सरकारी नौकरी में चयन हुआ है जिसमें रूपल राणा- सीएस-यूपीएससी ऑल इंडिया रैंक 26 भी शामिल हैं। आज की तारीख तक दिल्ली पुलिस पब्लिक लाइब्रेरी, द्वारI चालाए जा रहे प्रोजेक्ट्स प्रोजेक्ट शी टू शक्ति और उमदाह अकादमियां द्वारI की संख्या 350000 से ज्यादा हैं, जिसमें स्टूडेंट्स और लड़कियां शामिल हैं।

नदीम अख्तर, निदेशक, ने बताया कि ये प्रोजेक्ट दिल्ली पुलिस की एक अनूठी पहल है और जो कि पीपीपी मॉडल पर इतने बड़े लेवल पर  चलाया जा रहा है और इस अनूठे प्रोजेक्ट को  गेल इंडिया, एएचएफएल, बीएसईएस, डेल, प्रोफाइन इंडिया और लांसर शूज़ जैसी नामी कंपनियों ने अपनी भागीदारी दी हैI

दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी आरपी उपाध्याय(आईपीएस), रॉबिन हिबू(आईपीएस), शालिनी सिंह(आईपीएस), जितेंद्रमनई त्रिपाठी (आईपीएस), ढाल सिंह(आईपीएस) और दूसरे वरिष्ठ अधिकारी भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं, जिसे ये प्रोजेक्ट प्रतिदिन तेजी से आगे बढ़ रहा है और इस प्रोजेक्ट को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया जा रहा है।

Share post:

Visual Stories

Popular

More like this
Related

बंधकों की रिहाई में देरी करने को लेकर ट्रम्प की धमकी का हमास ने दिया जवाब

फिलिस्तीनी संगठन हमास ने बंधकों की रिहाई में देरी...

घर पहुंचने को बेताब सोनाक्षी सिन्हा फंसीं ट्रैफिक में, जताई नि‍राशा

मुंबई, 11 फरवरी: बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा हाल ही...

अफगान दूतावास का नियंत्रण चाहता है तालिबान, क्या मोदी सरकार मानेगी मांग?

इन प्रयासों के तहत, तालिबान ने कथित तौर पर...

Champions Trophy 2025: भारतीय क्रिकेट टीम को बड़ा झटका, चोट के कारण जसप्रीत बुमराह हुए बाहर

नई दिल्ली, 12 फरवरी: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई)...