कृषि विधेयक कानून को भले ही किसान काला कानून बताते नहीं थक रहे हों लेकिन सरकार इन कानूनों को किसानों के हित मे अच्छे कानून साबित करने पर तुली है ,जिसके लिए मंत्रियों से लेकर नोकरशाह सभी जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में रामपुर जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने किसानों की पाठशाला लगाई और कृषि विधेयक कानून के बारे में बताया। उनकी समस्याओं का समाधान के बारे में उन्होंने आश्वासन दिया।
Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर
कृषि विधेयक कानून को लेकर किसानों की नाराजगी है उसको दूर करने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है ताकि किसानों को मना सके। लेकिन किसान मानने को तैयार नहीं है।
रामपुर जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने किसानों की पाठशाला लगाई और कृषि विधेयक कानून के बारे में बताया। उनकी समस्याओं का समाधान के बारे में उन्होंने आश्वासन दिया।
कृषि विधायक कानून पर किसानों ने कोई भी अपनी सहमति नहीं जताई । उसके अलावा जो और किसानों की समस्याएं थी उस पर हां जरूर जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया कि जल्द ही दूर की जाएंगी।
डीएम साहब ने किसानों की पाठशाला तो लगाई लेकिन डीएम साहब इस पाठशाला में किसानों को कृषि विधेयक कानून को सही साबित करने में नाकाम रहे।
इस मामले पर किसान नेता हनीफ वारसी ने कहा इसमें तो डीएम साहब के स्तर का कुछ है ही नहीं, बस उनका एक ही है इस आंदोलन में कम से कम लोग शामिल हों। जब किसान एमएससी पर बात कर रहा है तो एमएससी पर कानून बना दिया जाए। मैं समझता हूं कि सरकार को कोई दिक्कत नहीं होना चाहिए। आज एमएसपी है तो किसानों को धान 11 से साढ़े ग्यारसो को बिका है। जिस दिन एमएससी समाप्त हो जाएगी और प्राइवेट हाथों में यह पहुंच जाएगा वह तो मनमानी करेंगे।अधिकारी कहेंगे लाइए लिखित में लाइए लिखित में कहां से मिलेगा हम कहेंगे मोदी जी ने कहा था तो वे कहेेगे मोदी जी लिखवा लाइये।
हनीफ़ वारसी ने कहा हम यही तो कह रहे हैं कि आप इस पर कानून बना दीजिए।आपने कहीं देखा होगा कि कभी आपको सामान खरीदने गए उसने आप से ₹200 कहे और आपने उससे कम करने को कहा कि इसमें कम कर दो। वही हमें बीज देगा, वही हमारी फसल बोएगा, वही कंपनी खरीदेगी वही कंपनी रेट तय करेगी। वह अपनी मर्जी का रेट तय करेगी हमारी मर्जी करे थोड़ी।
हनीफ़ वारसी ने कहा सरकार जो तीन अध्यादेश लाई है और सरकारी कह रही के किसान हित में है तो हमें यह अध्यादेश नहीं चाहिए। आप वापस ले लीजिए और एमएससी पर कानून बना दीजिए। किसान नेता ने कहा डीएम साहब ने कहां कानून के तहत मुझे ये अधिकार है कि मैं आपके घर से हूं चावल उठाकर लेकर आ सकता हूं ।इस कानून के तहत मुझे अधिकार नहीं होगा। कि मैं आपके घर से कुछ लेकर आऊं।
जिलाधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने कहा आज हमने हर ग्राम पंचायत में किसान पंचायत का आयोजन किया है। जो विरासत से जुड़ी समस्याएं हैं या उसके अलावा और जो समस्याएं हैं उसे सुने उसे दर्ज करें और उसे तत्काल उन समस्याओं का समाधान करें। समस्याओं का समाधान तत्काल नहीं हो पाए उसको अगले 1 हफ्ते के अंदर उसका समाधान किया जाए। आज किसानों को जो समस्याएं थी उसके भी सवाल उठाए गए थे समस्या है उस समस्या का तत्काल समाधान किया जाएगा। कृषि कानून के बारे में भी हमने उनको समझाया जो वे सच है तो खुद देखें खुद जाने उसको खुद कंपेयर करें उनकी जो प्रॉब्लम है इससे कितना घट रही है कितना बढ़ रही है।
- एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना
- Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena
- आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान
- UP Bye-Elections 2024: नेता प्रतिपक्ष पहुंचे रामपुर, उपचुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी पर लगाए गंभीर आरोप
- लोकतंत्र पर मंडराता खतरा: मतदाताओं की जिम्मेदारी और बढ़ती राजनीतिक अपराधीकरण- इरफान जामियावाला(राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पसमंदा मुस्लिम महाज़)