
रामपुर: मुख्य विकास अधिकारी (CDO) श्री नंदकिशोर कलाल की अध्यक्षता में विकास भवन ऑडिटोरियम में डिस्ट्रिक्ट एजुकेशन मॉनिटरिंग कमिटी (जिला शिक्षा अनुश्रवण समिति) की एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में शिक्षा विभाग के विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई, जिसमें विशेष जोर स्कूलों में छात्रों की उपस्थिति पर दिया गया।
सीडीओ श्री नंदकिशोर कलाल ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिया कि वे दो दिनों के अंदर ऐसे छात्रों की पहचान करें जो लंबे समय से स्कूल नहीं आ रहे। ऐसे छात्रों के अभिभावकों के लिए चेतावनी भी जारी की गई कि उनके बच्चों की स्कूल से अनुपस्थिति की वजह से उनसे सरकार द्वारा दिए गए डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के पैसे की वसूली की जाएगी।
बैठक में उन्होंने ब्लॉक शिक्षा अधिकारियों को भी सख्त निर्देश दिए कि स्कूलों में जितने बच्चों का नामांकन है, उसके अनुसार उनकी शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए। जिन स्कूलों में छात्र-शिक्षक अनुपात 20 है, उनकी सूची तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए गए। इसके साथ ही, 50 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले स्कूल स्टाफ का वेतन रोकने की भी चेतावनी दी गई।
श्री नंदकिशोर कलाल ने 55 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यालयों की सूची भी दो दिनों के अंदर सौंपने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि ब्लॉक विकास अधिकारियों के नेतृत्व में संबंधित ग्राम प्रधान, पंचायत सचिव, कोटेदार, आशा और आंगनबाड़ी के साथ बैठकें आयोजित कर अनुपस्थित छात्रों के अभिभावकों से संपर्क स्थापित किया जाए और बच्चों को स्कूल आने के लिए प्रेरित किया जाए।
मुख्य विकास अधिकारी ने स्कूलों के जर्जर भवनों का मूल्यांकन न होने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को 10 दिनों के अंदर जर्जर भवनों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और 7 सितंबर 2024 को इसका दोबारा जाएजा लेने की घोषणा की।
बैठक में जिला स्तर के अधिकारी, ब्लॉक विकास अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, जिला कॉर्डिनेटर, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय की वार्डन, पीडब्ल्यूडी के एक्जीक्यूटिव इंजीनियर, ग्रामीण अभियंत्रण विभाग, लघु सिंचाई विभाग और लोक निर्माण विभाग के सहायक अभियंता मौजूद रहे।
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