सौरभ शर्मा ने यह स्वीकार किया है कि वह पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ जानकारी साझा करता था। उसने बताया कि वह साल 2014 में पाकिस्तान खुफिया एजेंसी ISI के संपर्क में आया था। महिला डिफेंस जर्नलिस्ट के फर्जी अकाउंट बनाकर शर्मा से बातचीत शुरू हुई थी। सौरभ शर्मा ने 2016 तक जानकारियां पाकिस्तान एजेंसी को दीं और बदले में उसे पैसे मिला करते थे।
लखनऊ: भारतीय सेना के गोपनीय, प्रतिबंधित दस्तावेज तथा आंकड़े पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई को भेजने के आरोपी सौरभ शर्माको दोषी क़रार देते हुए एनआईए के विशेष न्यायधीश विवेकानंद शरण त्रिपाठी ने 5 साल की कठोर क़ैद और 22 हज़ार के जुर्माने की सज़ा सुनाई है।
कोर्ट में एनआईए के विशेष लोक अभियोजक एमके सिंह का तर्क था कि सौरभ शर्मा ने भारतीय सेना में रहते हुए गोपनीय प्रतिबंधित दस्तावेज एवं वर्गीकृत आंकड़े पाकिस्तान आधारित आईएसआई गुप्तचर एजेंसी की एजेंट कथित नेहा शर्मा के साथ साझा किया था। सौरभ शर्मा एवं उसकी पत्नी पूजा सिंह के खाते में विदेशों से हजारों रुपये भेजे गए हैं। यह भी कहा गया कि सौरव शर्मा की पत्नी पूजा सिंह के खाते में अनस याकूब गिटैली द्वारा 4000 रुपये भेजे गए हैं।
इस मामले में ATS उत्तर प्रदेश को सूचना प्राप्त हुई थी कि कुछ अज्ञात पाकिस्तानी खुफिया विभाग के अधिकारियों द्वारा षड्यंत्र के तहत कुछ नाम धारी व्यक्तियों के माध्यम से भारतीय सेना के कर्मचारियों को बहला-फुसलाकर एवं धन का लालच देकर विभिन्न माध्यमों से धन भेजकर भारतीय सेना से संबंधित गोपनीय दस्तावेज प्राप्त किए जा रहे हैं।
इस सूचना की जांच में हापुड़ निवासी सौरभ शर्मा का नाम सामने आया, जो पहले भारतीय सेना में था और उसे चिकित्सीय आधार पर सेना से निकल दिया गया था। सौरभ को एटीएस ने 8 जनवरी 2021 को गिरफ्तार किया था और एटीएस के इंस्पेक्टर राजीव त्यागी ने उसी दिन एटीएस थाना गोमतीनगर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। बाद में केंद्र सरकार ने 4 फरवरी को मामले की गंभीरता को देखते हुए विवेचना एनआईए को सौंप दी थी।
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