Globaltoday.in|रईस अहमद | रामपुर
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान (Azam Khan) द्वारा स्थापित मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी(Jauhar University) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।
यूनिवर्सिटी की भूमि को सरकारी घोषित कर कब्जा लेने के लिए एडीएम प्रशासन रामपुर (Rampur) के न्यायालय में तो मुकदमा चल ही रहा है, साथ ही किसान भी जौहर यूनिवर्सिटी के परिसर में स्थित अपनी जमीनों पर वास्तविक कब्जे के लिए एसडीएम न्यायालय में मुक़दमा लड़ रहे हैं।
जौहर यूनिवर्सिटी परिसर में अपनी जमीन होने का दावा करने वाले किसानों ने भी अब रामपुर के एसडीएम सदर के न्यायालय में मुकदमा करके अपनी जमीनों पर वास्तविक कब्जा दिलाए जाने की गुहार लगाई है।
यह मुकदमा रामपुर के एसडीएम सदर के न्यायालय में राजस्व संहिता की धारा 134 के तहत किया गया है।
हालांकि पूर्व में प्रशासन इन किसानों को जौहर यूनिवर्सिटी परिसर के भीतर उनकी जमीनों पर कब्जा दिलाए जाने की कानूनी कार्रवाई तो कर चुका है।
लेकिन वास्तविक कब्जा दिलाए जाने के लिए किसान अब एसडीएम न्यायालय में मुकदमा लड़ रहे हैं इस मुकदमे में अगली तारीख 19 नवंबर 2020 की दी गई है।
इस मामले पर सरकारी वकील अजय तिवारी(Ajay Tiwari) ने ग्लोबलटुडे को बताया,” एसडीएम सदर के न्यायालय में किसानों द्वारा मुकदमे किए गए हैं। 134 राजस्व संहिता में वास्तविक कब्जे को लेकर किसानो ने कहा हमें जोहर ट्रस्ट से वास्तविक कब्जा दिलाया जाए। इसको लेकर 5 मुकदमे विचाराधीन है। जो लगभग 24 से 25 किसानों की ओर से दर्ज किए गए है। उसमें आज जौहर ट्रस्ट की ओर से आपत्ति दाखिल हुई है। और 19 तारीख अग्रिम कार्यवाही के लिए लगी है। वहीं सरकारी वकील ने कहा यह बात सही है कि प्रशासन ने मौके पर जाकर किसानों को कब्जा दिलाया था, कानूनी कब्जा, वास्तविक कब्जा लेने के लिए रेवेन्यू कोर्ट में मुकदमें फाइल किए हैं किसानों ने इस मामले की अगली सुनवाई 19 नवंबर को होगी।
- एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना
- Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena
- आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान
- UP Bye-Elections 2024: नेता प्रतिपक्ष पहुंचे रामपुर, उपचुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी पर लगाए गंभीर आरोप
- लोकतंत्र पर मंडराता खतरा: मतदाताओं की जिम्मेदारी और बढ़ती राजनीतिक अपराधीकरण- इरफान जामियावाला(राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पसमंदा मुस्लिम महाज़)