Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर
किसानों के कृषि विधेयक को लेकर किसान पिछले कई दिनों से सड़कों पर इन तीनों कानूनों का जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहा है। राजधानी दिल्ली में कई राज्यों के लाखों किसान अपनी मांग मंगवाने के लिए डटे हुए हैं।
कृषि कानूनों (Farm Laws) के विरोध में आज 8 दिसंबर को किसानों ने भारत बंद (Bharat Bandh) का ऐलान किया था। उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर में भी भारत बंद का असर मिला जुला देखने को मिला।
यहाँ भारतीय किसान यूनियन के किसान हाईवे पर पहुंचे और हाईवे जाम कर धरने पर बैठ गए। किसानों ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इस दौरान सुरक्षा के भी कड़े बंदोबस्त किए गए थे।
सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन
किसानों ने कृषि बिल विधेयक (Farm Laws) के विरोध में प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया। ज़िला प्रशासन ने किसानों को समझाकर रास्ता खुलवाया और किसानों ने प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया।
किसानों की मांग थी कि कृषि कानून में जो 3 बिल पास किये गए हैं इन तीनों काले कानूनों को वापस लिया जाए। किसानों ने कहा जब तक यह क़ानून वापस नहीं होगा तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
आंदोलन में मौजूद भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुहम्मद हनीफ वारसी ने कहा,” केंद्र सरकार तीन अध्यादेश लाई है किसान विरोधी। हम लोग उसका विरोध कर रहे हैं।
हनीफ वारसी ने कहा,” केंद्र सरकार कह रही है कि बिल आप के फायदे के हैं। हम कह रहे हमारे नुकसान के हैं। हनीफ वारसी ने कहा कि सरकार कहती है बिल किसानों के फायदे का है लेकिन किसान कह रहे हैं कि हमारे नुकसान का है। उन्होंने कहा,”आप हमें ये बर्फी मत दो हम नहीं खाना चाहते तो आप क्यों दे रहे हो? क्यों थोप रहे हो हमारे ऊपर? यह काले कानून वापस होंगे केंद्र सरकार को वापस करने होंगे।”
हनीफ वारसी ने कहा,” मैं मोदी जी से आग्रह करना चाहता हूं कि आपने बहुत दुख झेले हैं… आप ने चाय के बर्तन भी धोए हैं.. आप नीचे से ऊपर आए हैं। हम आपसे गुजारिश करते हैं कि यह तीनों अध्यादेश वापस ले लो, किसानों को रोड पर मत आने दो। अगर किसान रोड पर आ गया तो यह देश का इतिहास है जहां अन्नदाता खड़ा हो जाता है वहां भगवान भी उसकी मदद करता है।
हनीफ वारसी ने जिला प्रशासन की ओर इशारा करते हुए कहा,” ये हमारे परिवार के लोग हैं इसमें कोई भी उद्योगपति का बेटा दरोगा, सीओ, एसडीएम नहीं है। सब किसान के बेटे हैं।
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