उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में बारिश का कहर जारी है जिसके चलते नदियों में उफ़ान उठना शुरू हो गया है। कुछ इसी तरह का नजारा जनपद रामपुर में भी देखने को मिलने लगा है। यहां पर उत्तराखंड से पानी छोड़े जाने के बाद कोसी नदी अपना कहर बरपाने लगी है। नदी से सटे दर्जनों गांव में मौजूद किसानों की फसलें पानी के आगोश में समा चुकी हैं। बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रशासन अलर्ट मोड में है और हालात पर बारीकी से नजर जमाए हुए है।
जनपद रामपुर (Rampur) का इलाका उत्तराखंड से सटा हुआ है। यहां से गुजरने वाली कोसी नदी बारिश के पानी के चलते अपने बगावती तेवर दिखाने को तैयार है। स्वार व टांडा क्षेत्रों में नदी का जलस्तर इतना बढ़ चुका है कि पानी नदी से सटे दर्जनों गांव की आराजी में मौजूद खेतों में पहुंच चुका है जिसके चलते किसानों की फसलें तबाह होने की कगार पर पहुंच चुके हैं। वहीं प्रशासन ने भी खतरे को भांपते हुए लगभग अपनी मुकम्मल तैयारी पूरी कर ली है। जगह जगह बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं और होने वाले किसी भी खतरे पर बारीक नजर रखी जा रही है। वहीं ग्रामीणों में बाढ़ के कहर को लेकर मायूसी दिखनी शुरू हो गई है।
कुछ किसान संगठनों ने शासन-प्रशासन से तबाह हुई फसलों का मुआवजा दिए जाने की मांग भी शुरू कर दी है। किसानों को मुआवजा नहीं मिलने से उनके समक्ष आर्थिक संकट खड़ा हो जाएगा। घरेलू खर्च के अलावा बैंकों की अदायगी किसानों के मुसीबत बनेगी।
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