अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) के इतिहास में पहली बार रंगों का त्योहार होली मनाया गया। छात्रों को कैंपस के अंदर रंग खेलने का मौका मिला, जिसकी आधिकारिक अनुमति यूनिवर्सिटी प्रशासन ने दी थी।
छात्रों की लंबे समय से चली आ रही मांग और एएमयू प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बाद गुरुवार को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक एनआरएससी (गैर आवासीय छात्र केंद्र) क्लब में होली मनाने की इजाज़त दे दी गई, जिसमें दर्जनों छात्रों ने उत्साह के साथ भाग लिया। इससे पहले भी कई बार एएमयू परिसर में होली मनाने की मांग की गई थी, लेकिन प्रशासन ने विभिन्न कारणों से इसकी अनुमति नहीं दी थी। हालाँकि, इस बार जब कई राजनीतिक नेताओं के हस्तक्षेप के बाद विरोध प्रदर्शन तेज हो गया, तो प्रशासन ने सीमित और नियंत्रित माहौल में समारोह मनाने की अनुमति दे दी।
एनआरएससी क्लब में खेली गई होली
दोपहर 12 बजे से 3 बजे तक एएमयू के एनआरएससी क्लब में करीब 50 छात्र एकत्र हुए, जहां उन्होंने रंगों में सराबोर होकर संगीत पर नृत्य किया और एक-दूसरे को बधाई दी। छात्रों ने पहली बार परिसर में होली खेलने की अनुमति मिलने पर खुशी व्यक्त की। एक छात्र ने कहा, “एएमयू के इतिहास में पहली बार हम सभी ने प्रशासन की अनुमति से होली मनाई। इससे विभिन्न सांस्कृतिक त्योहारों को मनाने की परंपरा मजबूत होगी और आपसी भाईचारे और सद्भाव को बढ़ावा मिलेगा।”
छात्रों ने कहा कि यद्यपि वर्षों की याचिकाओं और विरोध प्रदर्शनों के बाद अनुमति दी गई थी, फिर भी वे प्रशासन के निर्णय के लिए आभारी हैं। छात्र अखिल कौशल ने कहा, “प्रशासन को पहले ही होली खेलने की अनुमति दे देनी चाहिए थी। लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अनुमति मिल गई। एएमयू प्रशासन ने जश्न की तारीख बदल दी, लेकिन छात्रों में त्योहार का उत्साह अभी भी बना हुआ है। चूंकि 13-14 मार्च को एएमयू में होली की आधिकारिक छुट्टी है, इसलिए अधिकांश छात्र पहले ही घर जा चुके हैं, लेकिन फिर भी करीब 50 छात्रों ने यहां होली मनाई।”

‘ऐतिहासिक प्रथम’ पर प्रतिक्रिया
एनआरएससी हॉल प्रमुख बीबी सिंह ने इस अवसर पर कहा कि अनुमति केवल उसी चीज के लिए आवश्यक है जो पहले से ही प्रतिबंधित है। सिंह ने कहा, “एएमयू में होली हमेशा से मनाई जाती रही है और इस बार भी कुछ अलग नहीं है।”
एएमयू प्रशासन और पुलिस ने कड़े सुरक्षा उपाय किए और यह सुनिश्चित किया कि केवल एएमयू छात्र ही होली खेलें और कोई बाहरी व्यक्ति परिसर में प्रवेश न करे।