Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर
किसान आंदोलन के चलते गांव में किसान पहले ही परेशान हैं ऊपर से पंचायत चुनाव जीतने के लिए साम-दाम-दंड-भेद की पॉलिसी अपनाते हुए सबसे बड़े हथियार के रूप में विरोधियों के नाम ही वोटर लिस्ट से ग़ायब करा देना एक बड़ा हथियार बन चुका है। यह सब गोरखधंधा सरकारी अधिकारियों से मिलकर चलता है, जिसकी कोई काट नहीं होती।
जब चुनाव के बीच पता चले कि आपका नाम ही वोटर लिस्ट में नहीं है तो फिर आप हाथ पर हाथ धरे रह जाएंगे और दूसरा बाजी मार जाएगा। ऐसा ही कुछ हुआ रामपुर में जहां एक पूर्व प्रधान के पूरे परिवार का ही नाम वोटर लिस्ट से उड़ा दिया गया। वह तो संयोग से उसकी जानकारी में आया तो उसके पैरों तले जमीन निकल गई। अब पूर्व प्रधान अपने और परिवार वालों के नाम वोटर लिस्ट में शामिल करने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाते घूम रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर की तहसील स्वार के गागन नगली गांव निवासी पूर्व प्रधान तफज्जुल हुसैन के पूरे परिवार का नाम ही वोटर लिस्ट से ग़ायब देख पूर्व प्रधान के पैरों तले जमीन खिसक गई।
जल्द ही पंचायत के चुनाव होने वाले हैं और पूर्व प्रधान तफ़ज़्ज़ुल हुसैन ने पिछले 2015 से 2020 तक प्रधान रहे हैं। उसके बावजूद उनके परिवार का नाम वोटर लिस्ट गायब होना अपने आप में एक बहुत ही बड़ा सवाल खड़ा करता है।
आखिर इस गलती का जिम्मेदार कौन है? यह जांच का विषय है। बरहाल डीएम ने इस पर नाराजगी जताते हुए इस पर जल्द ही जांच कर कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
पूर्व प्रधान तफ़ज़्ज़ुल हुसैन से हमने इस बारे में बात की तो तफज्जुल हुसैन ने बताया,” हमारी भी समझ में नहीं आ रहा है कि हमारे वोट किस तरह से कटे हैं वोट काटने का हमें कोई प्रोफार्मा नहीं भरा है। हमारे ही परिवार के साथ वोट क्यों काटे हैं इस बारे में कोई भी कुछ बताने को तैयार नहीं है। हमने एक संशोधन के लिए फार्म भरा था वह संशोधन तो नहीं हुआ। वह संशोधन का फार्म भी हमारे पास मौजूद है। हम मालूम करते करते थक गए हैं। बीएलओ भी इस बारे में कुछ नही बता रहे है। इस बात की शिकायत हमने उप जिलाधिकारी से की उन्होंने जांच करने को कहा हमने इस बात की शिकायत डीएम साहब से भी की है और उनसे मिलेंगे भी। 1995 में हम बीडीसी मेंबर रह चुके हैं। 2015 में हम प्रधानी जीते हैं…हम निर्वतमान प्रधान हैं। हमारे वोट कट गए न जाने कैसे कटे। हम निर्वाचन आयोग भी जाएंगे जब के हमने कुछ भी लिखकर नहीं दिया तो हमारे वोट कैसे कटे। इसमें किसकी साजिश है।
इस मामले पर हमने जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह से बात की तो उन्होंने बताया,” ऐसे कई मामले आए हैं। जहां पर मौजूदा प्रधान हैं उनके नाम कट गए हैं इसका क्या कारण है। उसकी हम जांच करा रहे हैं। दो लोग हैं जहां पर बीएलओ की जिम्मेदारी तय की गई है। जांच कराई जा रही जहां पर भी ऐसा प्रकरण सामने आएगा वहां पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। और अगर कोई तकनीकी दिक्कत है तो उसको फिर से जांचेंगे इस तरह की जो भी समस्याएं आ रही हैं हम उसको लगातार दूर करने की कोशिश कर रहे हैं।
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