पकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा है कि रविवार को अविश्वास प्रस्ताव पर वोट में देश की दिशा तय होगी, मैं इस्तीफा नहीं दूंगा, आखिरी गेंद तक लड़ूंगा।
आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में, प्रधान मंत्री इमरान खान ने कहा कि रविवार को इस मुल्क का फैसला होना है कि मुल्क किस तरफ़ जाएगा, जिन लोगों पर वर्षों से भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, NAB मामले हैं, मुल्क को तय करना है उसको किधर जाना है। मुझे इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। मैं आखिरी गेंद तक लड़ूंगा। मैं हार नहीं मानूंगा। मैं देखना चाहता हूं कि कौन जाकर अपने ज़मीर का फैसला करता है। अगर किसी को अपने ज़मीर के मुताबिक़ फैसला करना है, तो वह इस्तीफा दे देगा। हम आज के नौजवानों को क्या पैग़ाम दे रहे हैं, उल्टे भी लटक जाएँ तो कोई यक़ीन नहीं करेगा कि ये तीनों कोई विचारक हैं।
मुझे उम्मीद है कि हमारे लोग अपने ज़मीर के मुताबिक़ फैसला करेंगे: इमरान खान
आजके दौर के मीर जाफर और मीर सादिक
प्रधानमंत्री इमरान खान ने भटके हुए सदस्यों से कहा कि तुम्हें हमेशा के लिए मुहर लग जानी है, न जनता को तुम्हें माफ करना है, न भूलना है, न ही तुम्हें संभालने वालों को माफ करना है, उपमहाद्वीप का इतिहास क्या है? मीर सादिक और मीर जाफर कौन थे जिन्होंने अंग्रेजों के साथ अपने देश को गुलाम बना लिया? वे आजके दौर के मीर जाफर और मीर सादिक हैं। मुझे उम्मीद है कि सिंध हाउस में हमारे लोग अपने ज़मीर के मुताबिक़ फैसला लेंगे नहीं तो मुल्क आपको माफ नहीं करेगा, मैं चुप नहीं रहूंगा, मुझे पर्ची या विरासत में मंत्रालय नहीं मिला, मैंने संघर्ष करके यहां पहुंचा हूँ, मैं मुकबला करूंगा।
इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान का मक़सद बहुत बड़ा था, हमें इस्लामिक रियासत बनना था, जब हम इस्लामिक रियासत की बात करते हैं तो इसका मतलब मदीने की रियासत होता है।
उन्होंने कहा कि मैं किसी के खिलाफ नहीं बोलता, मैं सिर्फ इतना कहता हूं कि मेरी सबसे बड़ी जिम्मेदारी 22 करोड़ लोगों की है, उनके भले के लिए नीतियां बनाना ही मेरा मक़सद है।
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