बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मनोनीत प्रमुख डॉ. मोहम्मद यूनुस ने कहा है कि भारत के बांग्लादेश के गलत लोगों के साथ अच्छे संबंध हैं।
नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस गुरुवार को बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ लेंगे। उन्होंने सभी से शांत रहने और “सभी प्रकार की हिंसा से दूर रहने” की अपील की है, ताकि हमारी नई जीत का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सके। कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अधिकारियों द्वारा की जा रही कोशिशों के बीच सेना प्रमुख जनरल वकर-उज़-ज़मान ने बुधवार को घोषणा की कि अंतरिम सरकार गुरुवार रात 8 बजे शपथ लेगी। उन्होंने कहा कि सलाहकार परिषद में 15 सदस्य हो सकते हैं।
जनरल ज़मान ने आगे कहा कि शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफ़ा देने और छात्रों के खिलाफ़ भेदभाव आंदोलन द्वारा चलाए गए हिंसक सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद देश छोड़कर भागने के बाद सशस्त्र बल 84 वर्षीय यूनुस को हर संभव सहायता प्रदान करेंगे। यूनुस अभी पेरिस में हैं और ढाका जा रहे हैं।
भारतीय मीडिया से बातचीत में प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस ने कहा कि भारत को अपनी विदेश नीति की समीक्षा करनी चाहिए।
बुधवार को संसद भंग होने के बाद डॉ. मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के सदस्यों पर आज अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। कार्यवाहक सरकार के कार्यभार संभालने के तुरंत बाद देश में चुनाव होने की उम्मीद है।
कौन हैं मुहम्मद यूनुस, जानिए
डॉ. मुहम्मद यूनुस बांग्लादेश ग्रामीण बैंक के संस्थापक हैं जिसके लिए उन्हें शांति का नोबेल पुरस्कार भी मिल चूका है। डॉ. यूनुस का शेख हसीना से हमेशा छत्तीस का आंकड़ा रहा है। शेख हसीना उन्हें सूदख़ोर मानती हैं, वहीं मुहम्मद यूनुस शेख हसीना को बांग्लादेश में लोकतंत्र का कातिल बताते हैं। ताज्जुब की यह है कि मो. यूनुस बांग्लादेश में लोकतंत्र की हत्या के लिए भारत को भी सहायक बताते हैं। वह कहते हैं कि शेख हसीना भारत की शह पाकर ही चुनावों के बजाय तानाशाही के जरिए बांग्लादेश की सत्ता पर काबिज रही हैं।
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