Globaltoday.in|राहेला अब्बास | अमरोहा
पीएम मोदी(Modi) के गिरती भारतीय अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा करने के बाद विपक्षी दलों ने इस 20 लाख करोड़ के पैकेज पर सवाल खड़े उठाये हैं।
बसपा एमपी कुंवर दानिश अली(Danish Ali) ने कहा कि जिस 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का मीडिया और सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं द्वारा गुणगान किया जा रहा है उसकी हक़ीक़त सच से बहुत परे है।
दानिश अली(Danish Ali) ने कहा कि अगर सरकार इस मुसीबत की घडी में लोगों की मदद करना चाहती थी तो उसे लोगों को सीधे आर्थिक मदद करनी चाहिए थी। सरकार ने बस लोगों को अधिक क़र्ज़ देने की बात कही है और उसके भुगतान की सीमा बढ़ाई है इस से ज़्यादा कुछ नहीं है।
उन्होंने आगे कहा,”एक प्रोत्साहन में, सरकार एक पुण्य आर्थिक चक्र शुरू करने में मदद करने के लिए लोगों को अपना पैसा देती है। लेकिन यहां ऐसा नहीं हो रहा है। सरकार केवल लोगों को अधिक ऋण दे रही है, लंबित बकाया राशि और भुगतान को समाप्त कर रही है”।
दानिश अली ने कहा कि उस पैकेज का एक बिंदु समझिये सरकार ने 20 लाख़ करोड़ में से 3 लाख़ करोड़ लघु उद्योगों को बिना गांरंटी के लोन देने की बात कही है, लेकिन यह पैसा सरकार नहीं दे रही है वो इच्छुक बैंकों और NBFC से इन उद्योगों को अधिक क़र्ज़ दिलवाएगी जिसे उन्हें चुकाना होगा एक तय सीमा में, सरकार की मदद इसमें शून्य है।
दानिश अली ने कहा कि 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का एक और हिस्सा लंबित टैक्स रिफंड को मंजूरी दे रहा है। पैकेज में इसे शामिल करना बिल्कुल हास्यास्पद है। सरकार आप ही के पैसे को आपको देकर आप पर अहसान करना चाह रही है। यह अधिनियम बेशर्मी की सीमा लांघता है।
दानिश अली ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन और रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉर्प से जुड़ी घोषणाओं की कहानी भी ऐसी ही है। सरकार इसमें अपना कोई पैसा नहीं लगा रही है। इसलिए, पीएम मोदी की घोषणा केवल हैडलाइन बनाने के लिए थी न कि देश के बेहाल लोगों को राहत देने के लिए।