“दुल्हन ही दहेज़ है” आपने अक्सर यह स्लोगन समाज में अच्छा मैसेज देने के लिए जगह जगह लिखे जरूर देखे होंगे। लेकिन ठीक इसके उलट रामपुर में दहेज़ से प्यार और दुल्हन को नजरअंदाज करने की घटना सामने आई है। यहाँ एक नवविवाहिता को उसके पति ने त्याग दिया है लेकिन उसको दुल्हन पक्ष की ओर से मिले दहेज़ पर पूरी तरह से कब्जा जमा लिया है।
जनपद रामपुर के थाना अजीम नगर क्षेत्र निवासी चंद्रपाल सिंह ने अपनी बेटी की शादी 4 महीने पहले बड़े शौक के साथ की थी। उसने अपनी हैसियत से बढ़कर दान-दहेज देकर बेटी को शाहबाद थाना क्षेत्र के शिवा के साथ विवाह कर रुखसत किया था।
लेकिन कुछ दिन के बाद दोनों पति पत्नी के बीच अनबन शुरू हो गई। मनमुटाव का कारण जानकर चंद्रपाल सिंह के पैरों तले से जमीन खिसक गई। पता चला कि उसकी बेटी का गणेश नाम के एक शख्स के साथ शादी से पहले से ही प्रेम प्रसंग चल रहा था।
शिवा को अपनी पत्नी का किसी और के साथ प्रेम प्रसंग ना गवार गुजरा, जिसके बाद वह उसे उसके प्रेमी के घर छोड़ आया। फिर यहीं से शुरू हुई मिलन, जुदाई और वफा की कहानी।
अक्सर ऐसी कहानियां फिल्मों में ही देखने को मिलती हैं। लेकिन यहां पर 3 ज़िंदगियों के बीच में वक्त ने ऐसा ताना बाना बुना कि एक तरफ तो पति पत्नी एक दूसरे से जुदा हुए तो वहीं प्रेमी और प्रेमिका सात जन्मों के लिए एक दूसरे के हो गए।
इन सब के बीच दिलचस्प बात यह रही कि शिवा ने अपनी पत्नी को तो उसके प्रेमी के घर छोड़ दिया लेकिन शादी के दौरान मिला दहेज अपने कब्जे में ले लिया।
चंद्रपाल इसी बात से खासा मायूस था कि समाज में उसकी बेज्जती होने में कोई कोर कसर बाकी नहीं रही। लेकिन इसके बाद जो उसने खून पसीना बहा कर बेटी को दहेज दिया था वह शिवा किसी हाल में छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। जबकि चंद्रपाल चाहता है कि उसको दहेज वापस मिल जाए ताकि वह अपनी दूसरी बेटी की भविष्य में होने वाली शादी में इस्तेमाल कर सके।
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