Globaltoday.in|गुलरेज़ खान | बरेली
आज दिनांक 13.5.2020 बुधवार को इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल (आई.एम.सी) के मुखिया हज़रत मौलाना तौकिर रज़ा खान(Maulana Tauqeer Raza Khan) साहब के निर्देश पर टीम आई.एम.सी ने दूरदराज़ का पैदल सफर कर रहे मज़दूर व काम से रोजी रोटी की तलाश मे अपने घर जाने के लिये अपनी जानों की परवाह किये बगैर लोगो को रासते में हो रही दुश्वारियों को कुछ देखते हुऐ खाने के पैकेट, कुछ पैसे, पानी की बोतल और एक एनर्जिक र्डिन्क की बोतल के साथ फतेहगजं पश्चिम से फतेहगजं पूर्वि तक डी.आई.जी मोहदय और एसएसपी मोहदय से तीन गाड़ियों की पर्मिशन लेकर सम्मबन्धित थाना पुलिस की मौजूदगी मे एक बार फिर सभी लोगो के खाने पीने की व्यवस्था की.
इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल (आई.एम.सी) टीम के मेंबर्स,” रास्ते में जा रहे भूखे एवं प्यासे लोगो को खाने की किट व बच्चो का समान दिया तो एक अजीब सी खुशी का एहसास हुआ” और बिना भेदभाव के लोगो को टीम आई.एम.सी ने उनका हाल जाना।
बहुत सारे प्रवासी मज़दूर (Migrant Labour) जो काफी दूर से पैदल चल कर आ रहे थे और उन्होंने अपने पैरो मे छाले दिखाये तो आई.एम.सी टीम के लोगों ने पूरी कोशिश के साथ रोड पर चल रही कुछ सरकारी बसो व निजी गाड़ियों को रोक रोक कर उनसे विनती कर, इन्सानियत का वासता देकर मज़दूरों को गाड़ियों में बिठवाया।
आई.एम.सी टीम के लोगों ने कहा कि हमने तो सिर्फ अपना फर्ज़ निभाने की कोशिश की है और आगे भी इन्सानियत के लिये जो भी हो सकता है इंशा अल्लाह ज़रुर किया जयेगा।
मौलाना तौक़ीर रज़ा साहब ने डी.आई.जी साहब का इस नेक काम मे पूरा साथ देने के लिए शुक्रिया अदा किया।
इत्तेहादे मिल्लत कौंसिल (आई.एम.सी) के मेंबर्स में मुख्य रुप से डा.नफीस खान, मौ नदीम खान, अफ़ज़ाल बैग, उवैस खान, रिज़वान बरकाती, आसिम, फरहान खान, इरफ़ान,बाबू भाई, मुन्ना आदि लोग शामिल रहे.
- एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना
- Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena
- आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान
- UP Bye-Elections 2024: नेता प्रतिपक्ष पहुंचे रामपुर, उपचुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी पर लगाए गंभीर आरोप
- लोकतंत्र पर मंडराता खतरा: मतदाताओं की जिम्मेदारी और बढ़ती राजनीतिक अपराधीकरण- इरफान जामियावाला(राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पसमंदा मुस्लिम महाज़)