देश में इन दिनों ऑनलाइन ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ठग नए-नए पैंतरे आजमाकर आम आदमी के अलावा बड़ी हस्तियों को भी अब अपनी ठगी का शिकार करने में कामयाब हो रहे हैं। एक ऐसा ही एक मामला हाल ही में सामने आया, जिसमें ठगों ने एक एक बड़े नामी कपड़ा उद्योगपति से सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बनकर ही ठगी कर ली।
साइबर ठगों ने सीजेआई(CJI) के नाम पर सात करोड़ रुपए की ठगी को अंजाम दिया है। इस दौरान ठगों ने वर्चुअल कोर्ट रुम भी तैयार किया और फर्जी सीजेआई ने फैसला भी सुना दिया। इस ठगी का शिकार देश के मशहूर कपड़ा उद्योगपति और वर्धमान समूह के चेयरमैन एसपी ओसवाल हुए हैं। मामला सुर्खियों में आते ही पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया।
दरअसल वर्धमान समूह के चेयरमैन एसपी ओसवाल ने साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी किए जाने की शिकायत दर्ज कराई है। ओसवाल ने खुलासा किया कि अपराधियों ने भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नाम से एक व्यक्ति की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट में फर्जी सुनवाई आयोजित की।
ओसवाल ने बताया, “स्काइप के जरिए सुप्रीम कोर्ट की इस फर्जी सुनवाई के दौरान, उन्होंने फर्जी जज को जस्टिस चंद्रचूड़ के रूप में पेश किया, हालांकि मैं उनका चेहरा नहीं देख पाया। लेकिन मैं उन्हें बात करते और मेज पर हथौड़ा मारते हुए सुन सकता था। सुप्रीम कोर्ट का लिखित आदेश इतना सटीक और मुहरबंद था कि मुझे लगा कि यह असली है और मैंने पैसे ट्रांसफर कर दिए। “
रिपोर्ट के अनुसार, ओसवाल ने पंजाब पुलिस को ठगी के इस मामले की शिकायत दर्ज की है। उन्होंने बताया कि ठगों ने अदालत की सुनवाई के संबंध में स्काइप कॉल की और कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार उन्हें अपने सभी फंड एक गुप्त निगरानी खाते में जमा करने होंगे। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पुलिस 30 सितंबर को आरोपियों से ठगी गई रकम बरामद करने में कामयाब रही।