NDTV से जुड़े पत्रकार रवीश कुमार ‘रैमॉन मैगसेसे’ अवॉर्ड से सम्मानित, रवीश ने कहा सभी सहयोगियों का सम्मान है

0
336
पत्रकार रवीश कुमार 'रैमॉन मैगसेसे' अवॉर्ड से सम्मानित
पत्रकार रवीश कुमार 'रैमॉन मैगसेसे' अवॉर्ड से सम्मानित

‘रैमॉन मैगसेसे” अवार्ड नोबेल पुरस्कार का एशियाई संस्करण मान जाता है। प्रशस्ति पत्र में 44 साल के रविश कुमार को भारत के सबसे प्रभावी टीवी पत्रकारों में से एक बताया गया है।

ग्लोबलटुडे, 02 अगस्त
राहेला अब्बास की रिपोर्ट


देश के जाने-माने एवं NDTV से जुड़े वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को 2019 का प्रतिष्ठित ‘रैमॉन मैगसेसे’ अवार्ड दिए जाने का एलान किया गया है। यह सम्मान एशिया में साहसिक और परिवर्तनकारी नेतृत्व के लिए दिया जाता है। इस अवार्ड को एशिया का नोबेल पुरस्कार भी कहा जाता है।
यह पुरस्कार फिलीपींस के पूर्व राष्ट्रपति रैमाॅन मैगसेसे की याद में दिया जाता है। रवीश कुमार को यह सम्मान उनकी साहसिक और बेबाक पत्रकारिता के लिए दिया जा रहा है। रवीश कुमार यह पुरस्कार पाने वाले 11वें भारतीय पत्रकार हैं।रविश ने अपने चैनल NDTV को फ़ोन पर अपने सभी सहयोगियों का नाम लेकर इस बताया है अवार्ड को उनका भी सम्मान बताया है।

अगर आप लोगों की आवाज़ बनते हैं तो आप पत्रकार हैं

अवॉर्ड फाउंडेशन की वेबसाइट पर विजेताओं की जारी सूची में कहा गया है कि भारत के पत्रकार रवीश कुमार को भारत में कमजोरों की आवाज़ बनने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।


अवॉर्ड देने वाले संस्थान ने कहा है कि रवीश कुमार अपनी पत्रकारिता के ज़रिये उनकी आवाज़ को मुख्यधारा में ले आए, जिनकी हमेशा उपेक्षा की जाती है। रेमन मैग्सेसे संस्थान की ओर से कहा गया है कि अगर आप लोगों की आवाज़ बनते हैं तो आप पत्रकार हैं।

प्रशस्ति पत्र में 44 साल के रविश कुमार को भारत के सबसे प्रभावी टीवी पत्रकारों में से एक बताया गया है।
प्रशस्ति पत्र में 44 साल के रविश कुमार को भारत के सबसे प्रभावी टीवी पत्रकारों में से एक बताया गया है-image credit https://www.rmaward.asia/

रवीश कुमार हिन्दी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया के सबसे लोकप्रिय चेहरा हैं। रवीश कुमार 1996 से NDTV से जुड़े हैं।
वह अपने शुरुआती दिनों में NDTV में आई चिट्ठियां छांटा करते थे। इसके बाद वह रिपोर्टिंग की ओर मुड़े और फिर उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। NDTV पर उनका कार्यक्रम ‘रवीश की रिपोर्ट’ बेहद चर्चित हुआ और हिंदुस्तान के आम लोगों का कार्यक्रम बन गया।
5 सितंबर 1974 को बिहार के मोतिहारी में जन्मे रवीश कुमार को इससे पूर्व 2010 व 2014 में गणेश शंकर विद्यार्थी पुरस्कार एवं 2013 में उत्कृष्ट पत्रकारिता के लिए रामनाथ गोयनका पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। 2016 में सर्वश्रेष्ठ पत्रकार का रेड इंक अवॉर्ड भी रवीश कुमार को मिला और 2017 में पहला कुलदीप नैयर पत्रकारिता अवॉर्ड भी पाने का गौरव रविश को ही प्राप्त है।
पत्रकारिता जगत में अपनी अलग पहचान बनाने वाले दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक रवीश कुमार भारतीय जनसंचार संस्थान से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त कर चुके हैं।