बस्तर के महाराजा कमल चंद्र भंजदेव ने कहा कि कहा कि रियासतों के वंशज आज भी एक सूत्र में बंधे हुए हैं। सभी राजघरानों की संस्कृति और परमपराएं समान हैं। यह रिश्ता अटूट है। उन्हें रामपुर आकर खुशी महसूस हुई है।
Highlights
- छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष रहे हैं बस्तर रियासत के महाराजा
- राजघरानों की संस्कृति और परमपराएं समान, यह रिश्ता अटूट है : कमल चंद्र भंजदेव
रामपुर, 16 जनवरी: छत्तीसगढ़ की रिसायत बस्तर के महाराजा कमल चंद्र भंजदेव का बुधवार को नूर महल पहुंचने पर पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां, उनके बेटे नवाबजादा हैदर अली खां उर्फ हमजा मियां और इंटैक रुहेलखंड चैप्टर के सह संयोजक काशिफ खां ने फूल मालाएं पहनाकर परंपरागत रूप से स्वागत किया गया।
नवेद मियां ने बताया कि बस्तर के 22वें राजा कमल चंद्र भंज देव भाजपा के नेता हैं। साथ ही प्रवीर सेना (सामाजिक संगठन) के संस्थापक व माँ दंतेश्वरी के प्रथम सेवक (माटी पुजारी) भी हैं। वे छत्तीसगढ़ राज्य युवा आयोग के अध्यक्ष रहे हैं।
महाराजा कमल चंद्र भंजदेव ने कहा कि रामपुर की कला, संस्कृति और धरोहरें आज भी मिसाल हैं। इस रियासत की शान–ओ–शौकत की जितनी प्रशंसा की जाए कम है।
पूर्व मंत्री नवेद मियां ने कहा कि महाराजा के रामपुर आने पर उन्हें गर्व का अहसास हुआ है। रामपुर के अंतिम शासन नवाब रजा अली खां के देश की सभी रियासतों से बहुत अच्छे संबंध थे और यही रिश्ता आज भी कायम है।
इस मौके पर गुजरात के अर्जुन सिंह, राजस्थान के देवी सिंह, पुणे के योगेश कोंदरे और अमित भी मौजूद रहे।