Sambhal News:जिला अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस से मिली एक्सपायर दवाएं

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उत्तर प्रदेश/सम्भल(मुज़म्मिल दानिश): उत्तर प्रदेश के जनपद संभल में योगी सरकार के मिशन को लगातार यहां के अधिकारी कानून व्यवस्था को पलीता लगा रहे हैं। अक्सर संभल का जिला अस्पताल सोशल मीडिया पर चर्चाओं में रहता है, लापरवाही की कई तस्वीरें सामने आती हैं।

लेकिन जिस तरह की तस्वीर इस बार जिला अस्पताल की सामने आ रही है वह एक बड़ी लापरवाही की है। एक तरफ कूड़े पर दवाएं मिल रही और दूसरी तरफ जिला अस्पताल में मरीज दवाओं को लेने के लिए तड़प रहे हैं। डॉक्टर जिला अस्पताल के कर्मचारी बाहर की दवाएं लिख रहे हैं और मरीज लेने पर मजबूर होते हैं। जबकि अस्पताल में रखीं दवाएं एक्सपायर हो रही हैं।

जिला अस्पताल में खड़ी एंबुलेंस के अंदर बड़ी संख्या में टेबलेट और ओआरएस के पैकेट और अन्य स्वास्थ्य संबंधी सामग्री पड़ी मिली हैं। यह दवाएं एंबुलेंस में कहां आयीं इसका सवाल जवाब जिम्मेदार नहीं दे पा रहे हैं और जांच की बात करते हुए पल्ला झाड़ते नजर आए।

जिला अस्पताल में जहां कूड़े पर दवाई पड़ी मिल रही वहीं मरीज दवा लेने के लिए सुबह से लाइनों में लगते रहते है लेकिन उनको दवा मुहैया नहीं होती होती है तो डॉक्टर मेडिकल कि बाहर से लिखते हैं और पैसा देकर दवाई मिलती हैं। यह आरोप मरीज लगा रहे हैं।

जिला अस्पताल में दूसरी तस्वीर खड़ी कबाड़ा एंबुलेंस में रखी दवाएं एक्सपायर हो हैं। यह जानकारी अस्पताल प्रशासन की ओर से नहीं दी गई यह दवा कहां से एंबुलेंस के अंदर से आयीं।

एक तरफ जिला अस्पताल में दवाओं का टोटा है और वहीं दूसरी तरफ दवाएं उधर इधर फेंकी जा रही हैं। अस्पताल के कर्मचारी मौके पर पहुंचे तो बताया कि गर्भवती महिलाओं को कैल्शियम की टेबलेट दी जाती हैं। मौके पर बच्चों की दी जाने वाला और केलशिएम और इस्तेमाल हुई पीपी किट भी पड़ी थी। नियमानुसार ड्रग्स वेयरहाउस दवाई भेजी जाती लेकिन अस्पताल प्रशाशन को इसकी जरूरत महसूस नहीं होती और ये लोग और वहीं आसपास कूड़े पर डाल देते हैं। यह सीधे तौर पर इंसानों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है।

जिला अस्पताल में फिलहाल संभल की सीएमओ तरन्नुम रजा ने कहा कि जांच के बाद कार्यवाही होगी।

अक्सर इस तरह की तस्वीर सामने आती है लेकिन किसी तरह से कोई कार्यवाही नहीं होती और ठंडे थैले में चली जाती है। अब देखना यह है कि इस तरह से जिला अस्पताल में कूड़े पर पड़ी दवाओं के साथ ही एम्बुलेंस में एक्सपायर रखी दवाओं की जांच कब तक होगी और कब तक मरीज़ों की जान से यह खिलवाड़ होता रहेगा।

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