एक तरफ कोरोना वायरस से बचने के लिऐ सरकार जनता को जागरूक करने में लगी है जिससे लोगों का स्वास्थ्य सही रहे, वहीं दूसरी तरफ जनता को ज़हर परोसकर उसके स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है।
Globaltoday.in | राहेला अब्बास | सम्भल
त्यौहारों के मौक़े पर तो मिठाइयों में मिलावट की खबरें सुनने में आती रही हैं लेकिन यूपी के जनपद सम्भल(Sambhal) के थाना असमोली क्षेत्र के गाँव अशरफपुर में केमिकल पाउडर(Chemical Powder) द्वारा सफेद और कांले रसगुल्ले बनाने का गोरख धंधा जारी है।
यहां प्रशासन की मिली भगत से कैमिकल का इस्तमाल कर रसगुल्ले(Rasgulla) बनाये जा रहे हैं और जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है.
इस ज़हर से अनजान मासूम लोग बिना किसी परेशानी के इन रसगुल्लों को खरीदकर खा भी रहे हैं. इन ज़हरीले रसगुल्लों को खाकर लोगों में बिमारियां फैल रही हैलेकिन प्रशासन बिलकुल मौन है।
बताया जा रहा है की गांव के अन्दर दस बारह फैक्ट्रियां केमिकल पाउडर द्वारा रसगुल्ला बनाने का धंधा कर रही हैं. यहाँ तक कि रसगुल्ला बनाने के गंदे पानी को पीने से एक कुत्ते की भी मौत हो गयी, तो आप अंदाज़ा लगा सकते हैं कि जो लोग इनको खा रहे होंगे उनका क्या होगा?
लेकिन जनपद सम्भल के अधिकारियों की मिलीभगत से जनता की जान जोखिम में डालकर जनता की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। लगता है सम्भल में अधिकारियों को इंसानों की जान से ज़्यादा पैसे से प्यार है।
जब मीडियाकर्मियों ने अधिकारियों से बात की तो उन्होंने सुधार की बात कह कर टाल दिया लेकिन कार्यवाही कोई बात नहीं की। गांव के कुछ लोगों का कहना है कि अधिकारीयों, फ़ूड इंस्पेक्टर और ग्राम प्रधान को पैसा जाता है तभी यह रसगुल्लों की फैक्ट्रियां चल रही हैं।