Globaltoday.in | रईस अहमद | रामपुर
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर से सपा सांसद आज़म खान (Azam Khan) ही नहीं, उनके परिवार की संपत्ति भी सरकार के निशाने पर हैं।
आजम खान की पत्नी और रामपुर नगर विधायक डॉक्टर तन्ज़ीन फातिमा (Tanzin Fatima) और उनके बेटों की निजी संपत्ति हमसफर रिसोर्ट पर रामपुर के तहसीलदार सदर कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
हमसफर रिसोर्ट में खाद के गड्ढों की भूमि को क़ब्ज़ाने के मामले में खाद के गड्ढों से बेदखली के और जुर्माना का आदेश पारित करते हुए वसूली के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। 15 दिन बाद इस मामले पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सपा सांसद आजम खान की शहर से विधायक पत्नी तन्ज़ीन फातिमा का पसियापुरा शुमाली मैं हमसफर रिसोर्ट बना है। जिसमें शिकायत की गई थी कि उसमें खाद के गड्ढों को हमसफ़र रिसोर्ट होटल में क़ब्ज़ा कर लिया है, जिसका मामला तहसीलदार कोर्ट में चल रहा था। उस पर आज एक बड़ा आदेश हुआ है हमसफर रिसोर्ट को 15 दिन का समय दिया गया है। इस 15 दिन में बेदखली और जुर्माना वसूली का आदेश दिया गया है।
आपको बता दें आदेश के मुताबिक हमसफर रिसोर्ट होटल जो पसियापुर शुमाली गाँव मे स्थित है गाटा संख्या 164 में 380 वर्ग मीटर खाद के गड्ढे जिनको कब्जा किया गया है। हमसफ़र रिसोर्ट ने एक करोड़ 6 लाख 40 हज़ार का राजस्व नुकसान पहुंचाया है जिसमें 5% दंड के आधार पर ₹5,32000 जुर्माना लिया जाएगा।
इस मामले में 19 फरवरी 2021 को बहस हुई थी जिसमें आजम खान की ओर से कोई भी नहीं पहुंचा। उसके बाद 22 फरवरी तक उन्हें अपना कोई जवाब दाखिल करना था लेकिन उन्होंने 22 फरवरी तक भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया। लिहाज़ा कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया।
वहीं इस मामले पर मुख्य शिकायतकर्ता और भाजपा नेता आकाश सक्सेना (Akash Saxena) ने बताया,”आजम खान का जो हमसफर रिसोर्ट होटल है उसमें मेरे द्वारा जिलाधिकारी से यह शिकायत की गई थी सरकारी जो खाद के गड्ढे होते हैं जिसमें गांव के लोग अपने घर का कूड़ा डालते हैं आजम खान ने वे क़ब्ज़ा किया है। उसकी जांच की गई जांच में में सही पाया गया। तहसीलदार सदर के यहां यह वाद चल रहा था उसमें आज निर्णय आया है कि सरकारी खाद के गड्ढों को खाली करवाया जाए। उसमें 5,32000 का जुर्माना लगाया गया है।
आकाश सक्सेना ने कहा कि आजम खान कहते थे उनके दामन पर दाग नहीं है। इस 5,32000 के जुर्माने से साबित होता है कि उनके दामन पर दाग के सिवा कुछ है ही नहीं।
इस मामले के सरकारी वकील कुलदीप पांडे ने बताया,” खाद के गड्ढे सरकारी भूमि होती है और लेखपाल और एसडीएम द्वारा निरीक्षण किया गया। निरीक्षण करने पर उनका अवैध कब्जा पाया गया। उसकी पूरी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद माननीय न्यायालय द्वारा धारा 67 के तहत बेदखली का आदेश पारित हो गया है। खाद के गड्ढे जो सार्वजनिक उपयोग की भूमि होती है उस पर किसी तरह का कब्जा नहीं कर सकते। ये गवर्नमेंट प्रॉपर्टी है और गवर्नमेंट के लिए ही आरक्षित है प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद अवैध कब्जा हटाया जाएगा।
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