
नई दिल्ली: कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी(Sitaram Yechury) का गुरुवार (12 सितंबर, 2024) को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे। उन्हें 19 अगस्त को निमोनिया जैसे लक्षणों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था और पिछले कुछ दिनों से वे वेंटिलेटर पर थे। उनका निधन दोपहर 3:03 बजे हुआ।
12 अगस्त, 1952 को जन्मे श्री येचुरी 2015 में पहली बार सीपीआई(एम) के महासचिव चुने गए थे और वह इस पद पर अपना तीसरा कार्यकाल निभा रहे थे। वे दो बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके थे और राजनीतिक ध्रुवों के बीच अपने मित्रवत स्वभाव के लिए पहचाने जाते थे।
सीपीआई(एम) के पोलित ब्यूरो ने एक बयान में कहा कि “राष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति में उनका अचानक जाना पार्टी के लिए एक बड़ी क्षति है और वामपंथी, लोकतांत्रिक और धर्मनिरपेक्ष ताकतों के लिए गहरा आघात है।”
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उनके परिवार और साथियों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनका व्यक्तित्व और उनकी आवाज़ बहुत प्रभावशाली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि येचुरी जी ने वामपंथी विचारधारा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया और वे “संपूर्ण राजनीतिक स्पेक्ट्रम के साथ संवाद स्थापित करने की क्षमता के लिए जाने जाते थे।” श्री मोदी ने उन्हें एक “कुशल सांसद” और वामपंथ का प्रमुख चेहरा बताया।
विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो श्री येचुरी के काफ़ी क़रीबी माने जाते थे और जिनकी मित्रता कभी-कभी दोनों की पार्टियों से आलोचना का कारण बनती थी, ने उन्हें “भारत के विचार के रक्षक” के रूप में याद किया। उन्होंने कहा कि येचुरी जी के पास देश को गहराई से समझने की क्षमता थी। कांग्रेस की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी 2004-09 के यूपीए सरकार के पहले कार्यकाल से उनके साथ अपनी दोस्ती को याद किया।
श्री येचुरी अपने पीछे पत्नी सीमा चिश्ती, पुत्र दानिश और बेटी अखिला को छोड़ गए हैं। उनके बड़े पुत्र, आशीष येचुरी, का 2021 में COVID-19 के कारण निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर 14 सितंबर को दिल्ली के सीपीआई(एम) मुख्यालय में सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक जनता के दर्शन और श्रद्धांजलि के लिए रखा जाएगा। इसके बाद उनके शरीर को उनके अंतिम इच्छा अनुसार चिकित्सा अनुसंधान के लिए AIIMS को दान कर दिया जाएगा।

- मनोज कुमार : एक युग का अंत
- Waqf Amendment Bill 2025: जयंत चौधरी के वक्फ बिल का समर्थन करने पर RLD में बगावत, इस नेता ने दिया इस्तीफा
- Tariff war: चीन ने जवाबी कार्रवाई करते हुए अमेरिकी उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाया
- The Waqf Bill is a highly condemnable move that paves the way for legislative discrimination against Muslims: Syed Sadatullah Husaini
- उत्तराखंड: सरकार ने मुस्लिम इतिहास से जुड़े 15 स्थानों के नाम बदलने की घोषणा की
- क्या ‘सिकंदर’ सलमान खान की पुरानी फिल्मों का रिकॉर्ड तोड़ने में नाकाम रही?