उत्तर प्रदेश/बदायूं(सालिम रियाज़): मशहूर व महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग को किसी परिचय की ज़रूरत नहीं है। उन्होंने अपनी काबिलियत से दुनिया को अपने ऊपर गर्व करने के कई बार अवसर दिए हैं। अपनी शारीरिक दुविधा से लड़ते हुए उन्होंने वो हर चीज़ पाई, जिसकी लोग बस कल्पना ही कर सकते हैं। कई खोज ऐसी कीं जो नामुमकिन सी लगती थीं।
बदायूं में एक ऐसा ही बालक है जिसे देखकर ऐसा लगता है की शायद स्टीफन हॉकिंग ने दूसरा जन्म लिया है।
बदायूं का यह बच्चा शारीरिक रूप से बहुत कमजोर है, सही से बोल नहीं पाता है, सही से कलम तक नही पकड़ पता है लेकिन मानसिक रूप से इतना मजबूत है कि इसने सामान्य बच्चो को पीछे छोड़ दिया है।
बदायूं में प्रखर नाम का यह बच्चा ऐसा है जिसे देखकर कोई ये नहीं कह सकता कि यह महान वैज्ञानिक स्टीफन हॉकिंग का बचपन नहीं है।
प्रखर एक मध्यम परिवार में जन्मा है। उसके पिता का नाम प्रमोद कुमार है। प्रखर के पिता का सपना था कि उनका बेटा भी सामान्य बच्चो की तरह पढ़ लिख कर उनका नाम रोशन करे। लेकिन यह सब देखने के लिए वो इस दुनिया मे नहीं रहे।
2020 मे कोरोना की चपेट मे आने से प्रखर के पिता की मृत्यु हो गई। यह काल प्रखर के परिवार पर मुसीबत बनके आया था। प्रखर की मां अस्पताल में क्वॉरेंटाइन थीं। प्रखर का स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से उसे भी मुरादाबाद अस्पताल में भर्ती करना पड़ा। इन सब मुसीबतों के बावूजूद प्रखर ने हिम्मत नहीं हारी और मुसीबत का डट कर सामना किया।
प्रखर की इस सफलता के पीछे उनकी मां और नानी ने उनका भरपूर साथ दिया और इंग्लिश मीडियम स्कूल से प्रखर को शिक्षा दिलाई। प्रखर कहते हैं की उनकी नानी हमेशा उसका हौसला बढ़ाती है और उन्ही के प्रयास से उन्होंने NEET की परीक्षा बिना कोचिंग, बिना ट्यूशन के पहली बार में पास की।
आस पास के लोग भी प्रखर को देख कर उसके हौसले की तारीफ करते हुऐ कहते हैं कि प्रखर एक दिन हिंदुस्तान का नाम रोशन करेगा।
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