कर्नाटक में चल रहा हिजाब का मामला एक बड़े विवाद में बदल गया है, जिसमें अब कई कॉलेजों ने हिजाब पहनने वाले छात्रों के प्रवेश से इनकार कर दिया है।
दूसरी ओर यहाँ कॉलेजों में पढ़ रहे 18 से 20 साल के बीच के सभी छात्र-छात्राओं ने यह जानने की मांग की कि प्रशासन ने हिजाब पर पाबंदी क्यों लगाई गयी है जबकि नियम और क़ानून इसकी इजाज़त देते हैं।
राहुल गांधी की प्रितिक्रिया
कर्नाटक राज्य में हिजाब को लेकर हो रहे घटनाक्रम पर राहुल गाँधी(Rahul Gandhi) ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आज ट्वीट किया, “छात्रों के हिजाब को उनकी शिक्षा के रास्ते में आने से हम भारत की बेटियों का भविष्य लूट रहे हैं। मां सरस्वती सभी को ज्ञान देती हैं। वह भेद नहीं करती”।
कर्नाटक हाई कोर्ट में याचिका
गवर्नमेंट प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज फॉर गर्ल्स, उडुपी के छात्रों द्वारा ‘हिजाब’ पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की अनुमति की मांग करने वाली याचिकाओं पर कर्नाटक उच्च न्यायालय 8 फरवरी को सुनवाई करेगा।
याचिका में छात्रों ने कहा है कि कॉलेज के अधिकारियों ने उन्हें केवल हिजाब पहनने के कारण क्लास में जाने का अधिकार देने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आगे अदालत से अनुरोध किया है कि वह सरकार को निर्देश जारी करे कि वह उनके धार्मिक और मौलिक अधिकारों में हस्तक्षेप न करे। उन्होंने उल्लेख किया कि हिजाब पहनना उनके धर्म का एक अनिवार्य हिस्सा है।
छात्रों ने अपनी याचिका में यह भी स्पष्ट किया है कि उन्होंने वर्दी के साथ हिजाब भी पहना था। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि हिजाब पहनने पर प्रिंसिपल, वाइस प्रिंसिपल और लेक्चरर ने उन्हें प्रताड़ित किया।
ग़ौरतलब है कि हिजाब का विरोध कुछ हफ़्ते पहले उडुपी जिले के गवर्नमेंट गर्ल्स पीयू कॉलेज में शुरू हुआ था, जब छह छात्राओं ने आरोप लगाया था कि उन्हें हेडस्कार्फ़ पहनने पर कक्षाओं में जाने से रोक दिया गया था।
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