लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी में एटीएस ने बड़ी कार्यवाही करते हुए पीएफआई ग्रुप के दो एजेंट को बख्शी का तालाब के अचरामऊ गांव से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कई दिनों से एटीएस की टीम द्वारा अचरामऊ गांव में छापेमारी की जा रही थी।
भारत सरकार ने सितम्बर, 2022 में पीएफआई एवं इसके 8अनुषांगिक संगठनों को उनकी विध्वसात्मक गतिविधियों, आतंक आधारित रिपेसिव रिजीम को प्रोत्साहित व लागू करने, एक वर्ग विशेष में देश के प्रति असंतोष पैदा करने, राष्ट्र- विरोधी व कट्टरपंथी भावनाएं भड़काने व देश की अखण्डता, सुरक्षा और सम्प्रभुता को खतरा उत्पन्न करने वाली गतिविधियों को और तेज करने के कारण, इनको प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था।
पीएफआई संगठन से जुड़े सदस्यों के विरूद्ध देशव्यापी कार्यवाही की गयी थी।
अब्दुला सऊद अंसारी पुत्र अब्दुल कलाम की लोहता, वाराणसी से गिरफ्तारी के बाद मु.अ.स. 299/22 धारा 153- ए, 153-डी भादवि एवं 7, 8, 13-1 (ए) (बी) 13(2) अनलाफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट थाना लोहता, कमिरेट वाराणसी में पंजीकृत किया गया था।
पंजीकृत मुकदमे में परवेज अहमद एवं रईस अहमद फरार चल रहे थे,जिन पर रू. 50-50 हजार का पुरस्कार घोषित था।
दोनों आरोपी वाराणसी में प्रतिबंधित संगठन पीएफआई की कट्टरपंथी विचारधारा को तेजी से फैलाने का कार्य कर रहे थे।
दोनों के विरुद्ध भी पूर्व में वाराणसी के थाना चेतगंज में मु.अ.सं. 296/19 धारा 147, 148, 149, 188,332, 353, 341, भा.द.वि. एवं 7 सीएलए एक्ट व थाना आदमपुर में मु.अ.सं. 112/22 धारा 121- ए,153 ए,295ए,109,120-बी भादवि एवं 13 अनलाफुल एक्टिविटी (प्रिवेंशन) एक्ट में भी मुकदमे पंजीकृत थे।
एटीएस के अनुसार सीएए-एनआरसी के समय से ही आरोपी रईस अहमद, असम एवं अन्य राज्यों के पीएफआई लीडर के सक्रिय सदस्यों के संपर्क में रहकर पीएफआई द्वारा संचालित देश विरोधी गतिविधियों में सक्रिय था।
दोनों आरोपी देश के विभिन्न राज्यों, जैसे दिल्ली, उत्तर प्रदेश, केरल आदि में आयोजित होने वाली गोष्ठियों एव कार्यशालाओं में सम्मिलित होकर प्रशिक्षण प्राप्त करते थे।
दोनों अभियुक्त लगातार अपनी लोकेशन बदल कर अंडर ग्राउंड थे।
एटीएस वाराणसी यूनिट ने इलेक्ट्रॉनिक एव भौतिक सर्विलास के माध्यम से दोनों फरार पुरस्कार घोषित परवेज अहमद और रईस अहमद को वाराणसी से गिरफ्तार किया है।
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