Globaltoday.in | रईस अहमद | रामपुर
जहां एक तरफ पूरे विश्व में कोरोना वैश्विक महामारी(Covid-19) के चलते हाहाकार मचा हुआ है तो वहीं हमारा देश अभी भी सशक्त स्थिति में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से लगातार लड़ रहा हैं.
जिसका एकमात्र कारण है कि हमारा देश कृषि प्रधान देश है जहां न केवल अपने लिए बल्कि दूसरे देशों तक को अनाज और फलों का निर्यात किया जाता है.
लेकिन अब परिस्थितियां बदलने लगी है क्योंकि प्रकृति(Nature) ने अपना रुख बदला है. बीते दिन लगातार हुई बारिश और ओलावृष्टि(heavy Rain and hail storm) से न केवल गेहूं की फसल बल्कि अन्य फसलों को भी भारी मात्रा में नुकसान हुआ है. इतना ही नहीं अब सीजन के आते ही बेमौसम हुई ओलावृष्टि के कारण आम से लदे बागों में भी तबाही का नजारा देखने को मिल रहा है.
रामपुर(Rampur) में अचानक हुई ओलावृष्टि के कारण आम के बागों में तबाही का मंजर है. जहां आम के पेड़ों पर अभी फल आना शुरू ही हुए थे तो ऐसे में हुई ओलावृष्टि ने इन बागबान पर प्रकृति का कहर बरपाया है।
ऐसे में इस मजदूर कश तबके के लिए अब केवल सरकार और प्रशासन का ही सहारा रह गया है क्योंकि अब इन हालातों में उनकी लागत का भी पूरा पैसा निकलना मुश्किल हो गया है।
आम के बाग के बागवान राशिद ने बताया,”उनका बहुत नुकसान हुआ है 3 दिन पहले भी बारिश हुई थी तब भी बहुत नुकसान हुआ था. आज सुबह का मौसम साफ था और अचानक से तेज आंधी आ गई और बहुत ज्यादा ओला पड़ा जिससे काफी नुकसान हुआ है। ओलावृष्टि से पेड़ पर लगी आमी पर काफी चोट आई है और काफी मात्रा में आम झड़ गया है जिससे इसकी बढ़वार नहीं होगी। ऐसे में बाग में लगाई गई लागत का पैसा भी नहीं निकल पाएगा”।
दूसरे बागवान मेहंदी हसन ने बताया,”ओलावृष्टि से आम को बहुत नुकसान हुआ है, वह चोटिल हो गया है. कुछ धूप निकलने से झड़ जाएगा और कुछ वैसे ही खराब हो गया है और लगता है अब इसमें लागत भी पूरी नहीं निकल पाएगी। मेहंदी हसन ने बताया,”आम 3 महीने में परिपक्व होता है जिसके बाद उसे एक्सपोर्ट किया जाता है. लेकिन ओलावृष्टि के कारण अबकी बार लागत के अनुरूप भी माल नहीं निकल पाएगा।
इन बागबानों का कहना है कि एक तरफ तो लॉक डाउन से परेशानी बढ़ गई हैं जिसके चलते इसके अलावा कोई और काम नहीं कर सकते और अब इस ओलावृष्टि और बरसात में गरीब किसान की कमर तोड़ दी है। ऐसे में अगर सरकार द्वारा इनके नुकसान का मुआवजा अगर इन्हें मिल पाया तो शायद कुछ हद तक उनकी मदद हो सकती है।