Ustad Rashid Khan Passed Away: संगीत सम्राट उस्ताद राशिद खान का निधन, 55 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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Rashid Khan Demise: मशहूर संगीत सम्राट उस्ताद राशिद खान का मंगलवार को 55 साल की उम्र में निधन हो गया। हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था।

शास्त्रीय गायक संगीत सम्राट उस्ताद राशिद खान नहीं रहे। मंगलवार को कोलकाता के एक अस्पताल में उन्होंने 55 वर्ष की उम्र में अंतिम सांस ली। वे प्रोस्टेट कैंसर से जूझ रहे थे। दिसंबर से उनकी सेहत बिगड़ने लगी थी और वह वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सपोर्ट पर आ गए थे। डॉक्टर्स की तमाम कोशिशों के बावजूद भी उन्हें बचाया नहीं जा सका।

एबीपी के अनुसार जिस अस्पताल में उस्ताद राशिद खान का इलाज चल रहा था वहां के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमने बहुत कोशिश की, लेकिन असफल रहे। दोपहर करीब 3:45 बजे उनका निधन हो गया।’

उस्ताद राशिद खान के निधन पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शोक प्रकट किया है। उन्होंने कहा, ‘यह पूरे देश और पूरे संगीत जगत के लिए बहुत बड़ी क्षति है। मैं बहुत दुखी हूं। मुझे अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है कि राशिद खान अब नहीं रहे।’

पिछले महीने सेरेब्रल अटैक आने के बाद उस्ताद राशिद खान की तबीयत बहुत ज्यादा बिगड़ गई थी। उन्होंने शुरुआत में टाटा मेमोरियल कैंसर अस्पताल में इलाज कराया। बाद में उन्होंने कोलकाता के ही एक हॉस्पिटल में अपना इलाज जारी रखना चाहा।

रामपुर-सहसवान घराने के गायक

उत्तर प्रदेश के बदायूं में पैदा हुए राशिद खान उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान के भतीजे थे। अपनी शुरुआती तालीम उन्होंने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान (1909-1993) से ली थी। उस्ताद राशिद खान रामपुर-सहसवान घराने के गायक थे। 11 सास की उम्र में उन्होंने पहली मंचीय प्रस्तुति दी थी।

उन्होंने तालीम अपने नाना उस्ताद निसार हुसैन खान से ली। राशिद खान की पहली मंचीय प्रस्तुति 11 साल की उम्र में थी। वे रामपुर-सहसवान घराने के गायक थे। उन्होंने कुछ फिल्मों में भी अपनी आवाज दी। ‘जब वी मेट’ में उनकी गाई बंदिश ‘आओगे जब तुम साजना’ काफी लोकप्रिय रही। उनके लोकप्रिया गानों की बात करें उन्होंने ‘तोरे बिना मोहे चैन’ नहीं जैसा सुपरहिट गाना गाया था। वहीं, वे इंडस्ट्री के किंग यानी शाहरुख खान की फिल्म ‘माई नेम इज’ खान में भी गाना गा चुके हैं। यही नहीं, उस्ताद राशिद खान ‘राज 3’, ‘कादंबरी’, ‘शादी में जरूर आना’, ‘मंटो’ से लेकर ‘मीटिन मास’ जैसी फिल्मों में भी अपनी आवाज का जादू बिखेर चुके थे।

उस्ताद राशिद खान को पद्मश्री और पद्मभूषण जैसे पुरस्कारों से नवाजा गया था। उन्होंने कई बांग्ला गीत भी गाये।

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