Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर
सरकारी योजनाएं या तो कागजों में ही परवान चढ़ती हैं और या फिर सरकारी अधिकारियों की लापरवाही की नज़र हो जाती हैं। लेकिन कभी ऐसा भी होता है कि कोई अधिकारी अपनी निजी दिलचस्पी से सरकारी योजनाओं में चार चांद लगा देता है।
ऐसा ही हो रहा है रामपुर में जहां रामपुर जिला कारागार(Rampur Jail) में बंद महिला कैदियों को रामपुर की विशेष पैच वर्क कला चटापटी और पटापटी का प्रशिक्षण सीडीओ रामपुर की पहल पर दिया जा रहा है।
ऐसा करके सीडीओ(CDO) रामपुर न केवल सरकारी योजना वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट (One district,One Product) के तहत रामपुर के ज़री ज़रदोजी उद्योग को बढ़ावा दे रही हैं। साथ ही शासन की योजना मिशन शक्ति के तहत महिलाओं के स्वालंबन और आत्मनिर्भर बनाने का भी लक्ष्य प्राप्त किया जा रहा है।
जेल में सिखाया जा रहा हुनर
पुरानी कहावत है कि एक तीर से दो शिकार, ऐसा ही कुछ कर दिखााया सीडीओ रामपुर ग़ज़ल भारद्वाज जो मिशन शक्ति के अंतर्गत रामपुर जिला जेल में बंद महिलाओं को मिशन शक्ति के अंतर्गत रामपुर की विशेष पैच वर्क कला चटापटी पटापटी का प्रशिक्षण देकर महिलाओं के सशक्तिकरण के साथ साथ वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट अभियान को सफल बनाने में जुटी हैं।
13 दिवसीय प्रशिक्षण में सीडीओ, ग़ज़ल भारद्वाज(Gazal Bhardwaj) ने जेल के अंदर जाकर महिलाओं को जागरूक किया। इस प्रशिक्षण के दौरान उन्हें हुनरमंद बनाने की कोशिश की।
13 दिवसीय इस प्रशिक्षण में सीडीओ ने लगभग 30 महिलाओं को प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया। जिससे वह ज़िला कारागार से बाहर निकल कर अपने अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें।
वहीं इस मामले पर हमने मुख्य विकास अधिकारी ग़ज़ल भारद्वाज से बात की तो उन्होंने बताया,”उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इसमें इस महीने की जो जिले की थीम है वे महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य है। इसी थीम के अंतर्गत 5 दिसंबर से 18 दिसंबर तक एक 13 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आर सीटी के माध्यम से जेल में चलाया जा रहा है। इसमें जेल की 30 महिला कैदी जो हैं और जो अंडर ट्रायलस हैं, उनको रामपुर की जो पारंपरिक कला है चटापटी और पटा पटी, जो पेचवर्क यहां हिस्टोरिकल होता है इस की ट्रेनिंग उनको मास्टर आर्टिस्ट द्वारा चलाई जा रही है। इसका मकसद यह है महिलाएं जेल में किसी तरह का मानसिक तनाव या डिप्रेशन से गुजर रही हैं उनकी काउंसलिंग कराना, क्रिएटिव वर्क में इंगेज करके रखना ताकि वह परेशानी वाली चीज़ से बाहर निकल कर क्रिएटिव इंगेज में अपनी एनर्जी को इस्तेमाल कर सकें।
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