जो अधिकारी जनता की सुरक्षा के लिए भेजे जाते हैं उन्हें आम आदमी से आजम खान के समर्थकों से खतरा महसूस हो सकता है-तंज़ीम फ़ातिमा,आज़म ख़ान की पत्नी

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तंज़ीम फ़ातिमा
आज़म खान की पत्नी तंज़ीन फ़ातिमा होंगी रामपुर से सपा प्रत्याशी

तंज़ीम फ़ातिमा ने कहा कि अगर वाक़ई उन्हें खतरा महसूस होता है तो फिर उन्हें अपने इस पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।

ग्लोबलटुडे/रामपुर[सऊद खान]: सपा के कद्दावर नेता आजम खान द्वारा लगातार रामपुर जिला प्रशासन पर उन्हें हराने और उनकी हत्या कराने के आरोप लगाए गए हैं। जिसके बाद आज उनकी पत्नी राज्यसभा सांसद तंज़ीम फ़ातिमा ने प्रेस वार्ता कर प्रशासन पर रामपुर में अराजकता का माहौल बनाने के संगीन आरोप लगाये।

तंज़ीम फ़ातिमा
तंज़ीम फ़ातिमा ने प्रेस वार्ता कर प्रशासन पर रामपुर में अराजकता का माहौल बनाने के संगीन आरोप लगाये

उन्होंने कहा मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा सुना ही नहीं है जो अधिकारी जनता की सुरक्षा के लिए भेजे जाते हैं उन्हें आम आदमी से आजम खान के समर्थकों से खतरा महसूस हो सकता है, और अगर वाक़ई उन्हें खतरा महसूस होता है तो फिर उन्हें अपने इस पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे परिवार पर हम पर और और रामपुर की जनता पर जो जुल्म किए जा रहे हैं उन्होंने मुझे इस बात के लिए मजबूर किया है कि मैं अपनी बात मीडिया के माध्यम से जनता तक और लोगों तक पहुंचाऊं।
वैसे तो पूरे मुल्क में ही अराजकता फैली हुई है बंगाल के हालात आपके सामने हैं, कश्मीर के हैं लेकिन ज़िले को भी उसी तरह की अराजकता के माहौल में झोंकने का काम किया जा रहा है प्रशासन के जरिये, पुलिस के जरिये।

तंज़ीम फ़ातिमाने कहा कि अखबारों के जरिए भी रोज हमें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है कि आज़म साहब का डर है, ख़ौफ़ है। इसलिए ज़िला अधिकारी के साथ जो तीन चार लोग, जो पूरी मंडली आयी हुई है ज़िले में उपजिलाधिकारी ,सीटी मजिस्ट्रेट ,बगैरा इन लोगो ने एसपी को एप्लीकेशन दी है कि आजम आहब से हमे जान का खतरा है तो हमे अतिरिक्त सुरक्षा दी जाए ।
उन्होंने कहा मैंने अपनी जिंदगी में ऐसा सुना ही नहीं है कि वो अधिकारी जो जनता की सुरक्षा के लिए भेजे जाते हैं जो कानून और व्यवस्था जिले में बनाए रखने के लिए भेजे जाते हैं उन अधिकारियों को भी आम जनता से खतरा महसूस हो सकता है और अगर वाकई उन्हें खतरा महसूस होता है तो फिर उन्हें अपने इस पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि अधिकारी तो जनता की सुरक्षा के लिए ही भेजे जाते हैं। जनता के लिए और अगर इन्हें आम आदमी से आजम खान साहब के समर्थकों से खतरा महसूस हो रहा है आजम खान साहब से तो इन्हें अपने पद पर रहने का अधिकार ही नहीं है।
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उन्होंने कहा वैसे तो मैं यह कहूंगी की यह पेश बंदी की जा रही है एक तरह से मतगणना को प्रभावित करने की मतगणना में गड़बड़ी करने की हिंसा फैला कर, इस तरह की पेश बंदी की जा रही है। ओर वैसे तो जबसे ये जिलाधिकारी और इनके साथ जो 3-4 साथी आये हैं इन्होंने ज़िले में अराजकता फैलाने की कोशिश की है।

उर्दू गेट को गिरवाना, आरपीएस स्कूल में कमरों में जाकर बच्चों को कान पकड़कर निकालना और जौहर विश्वविद्यालय की दीवार तोड़ना सब ऐसी चीजें हैं जिससे जनता उत्तेजित हो सकती थी लेकिन रामपुर के लोगों ने बहुत संयम से काम लिया और इन लोगों का जो मिशन था या इनकी जो साजिश थी उसे ना काम किया।