रामपुर/उत्तर प्रदेश[फ़राज़ कलीम]:सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद समाजवादी पार्टी का मुस्लिम चेहरा माने जाने वाले मोहम्मद आजम खान ने प्रतिक्रिया देते हुए अयोध्या मामले में जल्दी फैसला आने की संभावनाओं का स्वागत किया है।
हालांकि
उन्होंने कहा कि यह मामला एक इबादतगाह का है और इबादतगाह कोई भी हो वहां पर इबादत ही की जाती है चाहे वो पूजा हो,गुरुवाणी हो, नमाज़ हो या प्रेयर हो।
फैसला सत्ता पक्ष के लिये झठका
अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट का मामला संवैधानिक बेंच को ना देने और जल्द से जल्द केस की सुनवाई किये जाने के फैसले का स्वागत करते हुए समाजवादी पार्टी नेता मोहम्मद आजम खान ने इसे सत्ता पक्ष के लिए झटका करार दिया है ।
नमाज मस्जिद में पढ़ना क्या इस्लाम का अभिन्न अंग है? इस पर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आजम खान ने कहा कि सवाल एक इबादतगाह का है। उन्होंने कहा की इबादतगाह तो कोई भी हो सकती है चाहे वह मंदिर हो,मस्जिद हो, गुरुद्वारा हो या फिर चर्च । आजम खान ने कहा कि सवाल नमाज पढ़ने का नहीं है। कहां पड़ेंगे, पूजा कहां करेंगे, गुरबाणी पाठ कहां करेंगे? इसका है।
धारा 497- पति-पत्नी के बीच कोई कानून आडे नहीं आने वाला।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा धारा 497 को समाप्त किए जाने के फैसले पर आजम खान ने अपने व्यंग भरे अंदाज में कहा कि पश्चिमी संस्कृति अगर पूरी तरह अपना ली जाए और पूरी तरह आजादी दे दी जाए तो फिर इस आजादी का भी फायदा होगा और कानून में भी कई मामलों में आने वाली दिक्कतें दूर हो जाएंगे
यह पूछे जाने पर कि क्या इस फैसले से भारतीय संस्कृति को नुकसान पहुंचेगा आजम खान ने कहा कि अगर कोई अच्छी तरह से जीवन जीना चाहेगा, प्यार मोहब्बत से वफा से तो उसे कोई कानून नहीं रोकेगा। पति, पत्नी का और पत्नी पति की ही वफादार रह सकती है उसमें कोई कानून आडे नहीं आने वाला।
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