सूफ़ी परम्परा को लेकर हिन्दू वाहिनी और मन्दिर समिति आमने-सामने

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ज़ाहिद-ए-तंग नज़र ने मुझे काफिर जाना,
और काफिर ये समझता है मुसलमान हूँ मैं.
कहते हैं संगीत रूह की ग़िज़ा है और जब यह संगीत सूफ़ी हो तो क्या कहने ! लेकिन आज दिलों में बढ़ती नफ़रत ने इस संगीत को भी हिन्दू और मुसलमान का रंग दे दिया है.
यूपी[ग्लोबलटुडे]: यूपी के ग्रेटर नोएडा में एक मंदिर परिसर में क़व्वाली को लेकर एक नया विवाद पैदा हो गया है। यहां हिंदू युवा वाहिनी दनकौर के द्रोण मंदिर में होने वाली क़व्वाली का विरोध कर रही है जिसके चलते हिंदू युवा वाहिनी और मंदिर समिति आमने-सामने आ गए हैं

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हिन्दू युवा वाहिनी और मंदिर समिति आमने-सामने

सूत्रों के मुताबिक़ युवा वाहिनी सूफ़ी परम्परा से जुड़ी होने की वजह से क़व्वाली का विरोध कर रही है।
दरअसल दनकौर के द्रोण मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्स्व के मौके पर पिछले 95 सालों से मेले का आयोजन होता आ रहा है और पिछले 70 सालों से मंदिर समिति इस मेले में क़व्वाली का आयोजन भी कराती आ रही है। इस बार भी मेले में क़व्वाली का आयोजन होना है। लेकिन इस बार हिन्दू युवा वाहिनी ने इस आयोजन की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। हिंदू युवा वाहिनी ने क़व्वाली को मुस्लिम और सूफ़ी परंपरा बताते इसका विरोध शुरु कर दिया है।
नवभारत टाइम्स की एक खबर के अनुसार, हिंदू युवा वाहिनी का कहना है कि मंदिर परिसर में क़व्वाली का कोई औचित्य ही नहीं है, क्योंकि इसमें कथित तौर पर अश्लील डांस भी होता है। अब हिंदू युवा वाहिनी के विरोध को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने भी मेले में कव्वाली के आयोजन पर सोमवार को रोक लगा दी जिसकी वजह से मेला समिति प्रशासन से नाराज़ हो गई है। उसने इस रोक के विरोध में पुलिस प्रशासन से शिकायत की है और साथ ही समिति ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ख़त लिखकर शिकायत की है। गौरतलब है कि हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक मुख्यमंत्री योगी ही हैं।
मेला समिति ने आशंका जताई है हिंदू युवा वाहिनी क़व्वाली के बहाने सांप्रदायिक दंगा कराना चाहती है। इतना ही नहीं मेला समिति ने धमकी दी है कि यदि क़व्वाली का आयोजन नहीं हुआ तो मेला भी बीच में ही ख़त्म कर दिया जाएगा।

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