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हज़रत मुहम्मद(स.अ.व) के जन्मदिवस के अवसर पर करूणा दिवस मनाकर दिया साम्प्रदायिक सौहार्द का पैग़ाम - globaltoday

हज़रत मुहम्मद(स.अ.व) के जन्मदिवस के अवसर पर करूणा दिवस मनाकर दिया साम्प्रदायिक सौहार्द का पैग़ाम

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12 रबी उल अव्वल पर हिंद भाईचारा समिति व वर्क की ओर से निशुल्क मेडिकल कैम्प में उमड़ी भीड़.

Globaltoday
रामपुर

ऐतिहासिक सरज़मीन रामपुर(Rampur) को गंगा-जमुनी तहज़ीब का गहवारा यूं ही नहीं कहा जाता बल्कि इसके पीछे असल कारण यह है कि मानवता का भाव यहां की मिटटी के कण कण में विद्यमान है। पूरे देश में साम्प्रदायिकता सौहार्द की मिसाल अगर कहीं देखना हो तो लोगों को रामपुर(Rampur) का रूख करना चाहिए। जौहर ओर अर्शी के इस वतन की बुनियाद ही दरअसल आपसी भाईचारे और एकता पर रखी है। समय समय पर यहां की सरजमीन पर बसने वाले मानवतावादियों के प्रयासों से इस दिशा में प्रयास करने वालों को जीवनदान मिलता रहा है।

एक ऐसा ही प्रयास है सालों से 12 रबी उल अव्वल को हिंद भाईचारा समिति और वर्क(WORK) की ओर मनाया जाने वाला करूणा दिवस। दोनों संस्थाओं की ओर से अकसर ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहता है जो कि हमारे सामाजिक तानेबाने को मजबूती प्रदान करते हैं।

आज रविवार को भी अंतिम संदेष्टा हजरत मुहम्मद(स.अ.व) के जन्मदिवस के अवसर पर हिंद भाईचारा समिति और वर्क की ओर से अलग अलग जगहों पर तकरीबन 30 नि:शुल्क मेडिकल कैम्पों का आयोजन किया गया जिनसे हजारों लोगों ने लाभ उठाया। शहर में सिम्बायोसिस स्कूल में आयोजित नि:शुल्क मेडिकल कैम्प में हजारों की तादात में रोगियों का परीक्षण किया गया और निशुल्क दवाओं का वितरण किया गया।

Medical Camp
हज़रत मुहम्मद(सअव) के जन्मदिवस के अवसर पर करूणा दिवस मनाकर दिया साम्प्रदायिक सौहार्द का पैग़ाम

हर साल की तरह इस साल भी हिंद भाईचारा समिति और वल्र्ड आग्रेनाईजेशन आफ रिलीजंस एंड नालेज (WORK) की ओर से 12 रबी उल अव्वल के मौके पर सिमबोएसिस स्कूल में नि:शुल्क मेडिकल कैम्प का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर इस्लामिक विद्वान सै0 अब्दुल्ला तारिक(Abdullah Tarique) ने कहा कि दुनियां में बसने वाले इंसानों के मार्गदर्शन के लिए ईश्वर ने बहुत से संदेष्टाओं (पैगंबरों) को भेजा। इस कड़ी में अंतिम ईश महादूत अंतिम पैगंबर हजरत मुहम्मद स0 को तकरीबन 1400 साल पहले इंसानों की रहनुमाई के लिए दुनियां में भेजा गया। इस समय पूरी मानवता, अन्याय, शोषण, अत्याचार से त्राहि त्राहि कर रही थी। ऐसे समय में मुहम्मद(स.अ.व) ने ईश्वर की अनुकंपा से दम तोड़ती, सिसकती, कराहती मानवता को जीवनदान दिया और लोगों को बताया कि वह सब एक माता-पिता की संतान हैं और उनमें कोई भी छोटा या बड़ा नहीं है। छोटे या बड़े का निर्धारण केवल कर्म के आधार पर है।

आप(स.अ.व) ने बताया कि यह पूरी सृष्टि ईश्वर का कुनबा है और ईश्वर की दृष्टि में सबसे उत्तम वो है जो कि उनके कुनबे के साथ अच्छा व्यवहार करता है।

आप(सअव) की कल्याणकारी शिक्षाएं हैं कि मुझे शिष्टाचार को परिपूर्ण करने और भलाईयों को चरम सीमा तक पहुंचाने के लिए भेजा गया है। वह लोग घोर पीड़ा में रहेंगे जो संसार में दूसरों को पीड़ा में रखते हैं। इसके अलावा बताया कि प्रत्येक प्राणी के साथ भलाई करना पुण्य है। सै0 अब्दुल्लाह तारिक ने आप स0 के आगमन की महत्ता को समझने और आपके कल्याणकारी संदेश को पूरी इंसानियत तक पहुंचाने का आहवान भी किया।

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