आज़म खान के ख़िलाफ़ प्रशासन की बड़ी कार्यवाही, रामपुर पब्लिक स्कूल भवन के एक भाग को खाली कराया
ग्लोबलटुडे/रामपुर[सऊद खान]:योगी सरकार ने सपा नेता आज़म खान के खिलाफ बड़ी कार्यवाही करते हुए रामपुर क़िले के पास सरकारी भवन में चल रहे रामपुर पब्लिक स्कूल के क़ब्ज़े से 22 कमरे सहित एक बड़े हिस्से को खाली कराकर सरकारी युनानी अस्पताल को सौंप दिया है। प्रशासन के मुताबिक भवन का यह भाग सरकारी यूनानी अस्पताल का था जिस पर आज़म खान के ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहेे रामपुर पब्लिक स्कूल द्वारा अवैध कब्जा बना लिया गया था।
प्रशासन की कार्यवाही का विरोध करने पहुंचे आज़म समर्थक आरपीएस स्कूल के सामने ही सड़क पर धरने पर बैठ गए और पुलिस प्रशासन और योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की लेकिन भारी फोर्स की मौजूदगी में विरोधियों की एक ना चली, प्रशासनिक अधिकारियों ने यूनानी अस्पताल के डॉक्टर को भवन का क़ब्ज़ा भी फौरन दिला दिया।
समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता मोहम्मद आजम खान के खिलाफ योगी सरकार की कार्यवाही थमने का नाम नहीं ले रही । अभी उर्दू गेट को गिराए हुए चंद दिन भी नहीं गुजरे हैं कि प्रशासन ने दूसरी बड़ी कार्यवाही कर डाली। रामपुर क़िले के नजदीक मदरसा आलिया भवन में चलाए जा रहे रामपुर पब्लिक स्कूल के किड्स सेक्शन के कब्ज़े से 22 कमरे सहित भवन के बड़े हिस्से को कब्जा मुक्त करा कर सरकारी यूनानी अस्पताल को सौंप दिया और क़ब्ज़ा भी दिला दिया। प्रशासन ने यह कार्यवाही भारी पुलिस बल की मौजूदगी में की और इस कार्यवाही के लिए आसपास के क्षेत्र को सील कर दिया गया और रास्ते रोग दिए गए थे।
प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में आज़म खान के समर्थको ने जमकर नारेबाजी की पुलिस प्रशासन और योगी सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और वही सड़क पर धरने पर बैठ गए। इस दौरान आजम खान के समर्थकों की पुलिस के साथ जमकर नोकझोंक भी हुई।
एडीएम रामपुर ने मीडिया को बताया कि यह भवन सरकारी था जिसके एक भाग में जिसमें 22 कमरे और कुछ भवन का भाग शामिल था, सरकारी युनानी अस्पताल चलाया जाता था और कुछ भाग को सरकार द्वारा रामपुर पब्लिक स्कूल को दिया गया था। जबकि रामपुर पब्लिक स्कूल द्वारा भवन के उस भाग पर भी कब्जा बना लिया गया था जिसमें सरकारी यूनानी अस्पताल चलाया जाता था। इस मामले में यूनानी अस्पताल के डॉक्टर की शिकायत पर एफ आई आर भी दर्ज की जा चुकी है और कार्यवाही करते हुए यूनानी अस्पताल की 22 दुकानों और भवन के उस भाग को कब्जा मुक्त करा लिया गया और यूनानी अस्पताल के डॉक्टर को कब्जा सौंप दिया गया है।