वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर लेखक मृणाल पांडे ने अफसोस जताया कि पीसीआई अध्यक्ष ने परिषद के साथ चर्चा किए बिना अपनी राय रखी कि उन्होंने सरकार के फैसले का स्वागत किया।
ग्लोबलटुडे, वेबडेस्क
कश्मीर मुद्दे पर प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के रवैये से बेहद नाराज वरिष्ठ पत्रकार और मशहूर लेखक मृणाल पांडे ने अफसोस जताते हुए कहा कि पीसीआई अध्यक्ष ने परिषद के साथ कोई भी चर्चा किए बिना अपनी राय रखी कि उन्होंने सरकार के फैसले का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि जब 90 के दशक में जब पंजाब में आतंकवाद था तो प्रेस काउंसिल ने पंजाब में आतंकवाद के खिलाफ न केवल विरोध किया था बल्कि आतंकवाद का समर्थन करने वाले अखबारों की भी निंदा की थी और उनको चेतावनियां दीं थीं। लेकिन कश्मीर के हालात को लेकर मीडिया की ख़ामोशी निराशाजनक है।
मृणाल पांडे ने मीडिया एकता की आवश्यकता पर बल दिया और कहा कि मीडिया से संबंधित संगठनों को मीडिया को छतरी देनी चाहिए जो उन्हें चाहिए, लेकिन अफ़सोस कि वो नहीं मिल रही है।
पांडे ने हिंदी मीडिया को निशाना बनाते हुए कहा कि हिंदी मीडिया के एक तरफा होने के कारण ही भाजपा सरकार को भारी बढ़त मिली है। उन्होंने कहा कि एक तरफा रिपोर्टिंग मीडिया संगठन की ताक़त और बाजार में उसकी विश्वसनीयता को कम करती है।
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