चुनावी नोकझोंक के बाद एक बार फिर जयाप्रदा ने राजनीतिक विरोधी आज़म खान पर ज़ुबानी हमला बोला है। उन्होंने आज़म खान के निर्वाचन को रद्द करने की मांग की है
रामपुर/सऊद खान: जयाप्रदा(Jaya Prada) ने रामपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि आज उन्होंने राज्य निर्वाचन आयुक्त, राज्य निर्वाचन आयोग और चुनाव आयोग को ख़त लिखकर बताया है कि संविधान के अनुच्छेद 102 (1)A का उल्लंघन करते हुए आज़म खान(Azam Khan) जब चुनाव लड़ रहे थे तो उस वक्त मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय में चांसलर के पद पर थे और अभी भी चांसलर हैं। ऐसे में उस पद को रखते हुए आज़म खान चुनाव लड़ रहे थे और मैं भारतीय जनता पार्टी से चुनाव लड़ रही थी जिसमें मैं दूसरी पोज़िशन पर आई हूँ।
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जयाप्रदा ने कहा कोई भी व्यक्ति कानूनन दो पद पर नहीं रह सकता है, लेकिन आज़म खान साहब इससे पहले भी विधायक होते हुए भी जल निगम में अध्यक्ष बनकर बैठे रहे और वह भी लाभ का पद है। उसमें भी कोई कुछ नहीं कर पाया और अब आज़म खान सांसद बने हैं और विश्वविद्यालय में चांसलर के पद पर भी हैं। जयाप्रदा ने कहा कानूनन यह ठीक नहीं है,इसे माफ नहीं किया जा सकता, अभी भी आप दोनों पद पर हैं।
जयाप्रदा ने कहा मैंने चुनाव आयोग से अपील की है कि हमें न्याय मिलना चाहिए, रामपुर की जनता को न्याय मिलना चाहिए। उदाहरणतया इससे पहले सोनिया गांधी जी को भी इस स्थिति में इस्तीफा देना पड़ा था और जया बच्चन को भी इस स्थिति में इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद दोबारा चुनाव लड़ना हुआ। ऐसी स्थिति में जयाप्रदा ने चुनाव आयोग से अपील करते हुए कहा कि या तो इस चुनाव को रद्द किया जाए या हमें न्याय दे।
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