बांग्लादेश में हुई हिंसा को लेकर भारत बहुत कुछ सबक़ ले सकता है। वहां बड़ी संख्या में लोगों ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुई हिंसा की कड़ी निंदा की है। सिर्फ़ निंदा ही नहीं, उन लोगों ने बड़े पैमाने पर न सिर्फ विरोध प्रदर्शन किए बल्कि इस हिंसा को न फैलने देने के प्रति सतर्कता भी बरती।
बांग्लादेश में 13 अक्तूबर से हिन्दू घरों, मंदिरों और गांवों में लूटपाट, आगजनी और हत्याएं होने लगी थीं। इस प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा पिछले 20 वर्षों के दौरान कभी नहीं हुई थी। दरअसल, अफवाह फैल गई थी कि एक दुर्गा पूजा पंडाल में पवित्र कुरआन की प्रति को अपमानित किया गया है।
एक आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट की बातें भी कही जा रही थीं। हालांकि इन दोनों ही बातों के प्रमाण अब तक नहीं मिल पाए हैं।
वैसे, पुलिस ने उस किशोर के घर को हिंसा से बचा लिया जिस पर आपत्तिजनक सोशल मीडिया पोस्ट लिखने का आरोप है। परिवार ने कहीं जाकर शरण ली। पुलिस ने उस किशोर का बयान भी रिकॉर्ड किया है।
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