Globaltoday.in| रईस अहमद | रामपुर
कोरोना महामारी के चलते महीनों से स्कूल बंद पड़े हैं और बच्चों का घरों पर पड़े पड़े दम घुट सा गया है। ऐसे में बच्चे स्कूल जाने का बहाना ढूंढ रहे हैं।
उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर के एक सरकारी स्कूल में ड्रेस बांटे जाने की खबर सुनकर पहुंचे बच्चों के साथ कुछ ऐसा हुआ कि ना केवल गुरु-शिष्य का रिश्ता शर्मसार हुआ बल्कि इंसानियत पर भी सवाल खड़े हो गए।
स्कूल टीचर ने ड्रेस लेने आए बच्चों से भारी भरकम प्लाई बोर्ड उनके सरों पर ढुलवाकर स्कूल मंगवाए। मासूम स्कूली बच्चों के अपने सरों पर प्लाई बोर्ड ढोते देखकर लोग हैरान रह गए।
हमारे संवाददाता ने जब इस बाबत गुरु जी से पूछा तो वे बहानेबाजी करने लगे। लेकिन जांच को पहुंचे उपजिलाधिकारी के सामने उनकी बहानेबाजी थम गई और अपनी गलती मानते दिखाई पड़े।
कोरोना की मार झेल रहे स्कूली बच्चे स्कूल जाने को बेचैन हैं और स्कूल जाने का कोई भी मौका गवाना नहीं चाहते।
रामपुर की तहसील स्वार के चाऊपुरा गांव के सरकारी स्कूल में ड्रेस बांटे जा रहे थे। ड्रेस बांटे जाने की सूचना पर बच्चे स्कूल पहुंचे। उन्हें क्या पता था कि महीनों बाद पहुंचे स्कूली बच्चों के साथ मजदूरी कराई जाएगी। उनके अपने कमजोर सरों पर भारी-भरकम प्लाई बोर्ड ढोना पड़ेगा।
मासूम बच्चों के सरो पर प्लाई बोर्ड लेकर नगर की गलियों में देखकर लोगों को हैरानी हुई और गुरु जी की इस हरकत पर उन्होंने निंदा भी की।
सरकारी स्कूल के टीचर प्रेम सिंह मौर्य से बात की तो वह बहानेबाजी करने लगे।
इस मामले की सूचना जब जिलाधिकारी को मिली तो जिलाधिकारी ने तुरंत उपजिलाधिकारी स्वार को जांच के लिए सरकारी स्कूल भेजा।
सरकारी स्कूल में जब उपजिलाअधिकारी स्वार जांच के लिए पहुंचे तो पहले तो स्कूल टीचर ने बहानेबाजी की। उसके बाद जब उपजिलाधिकारी ने सख्ती से पूछताछ की तो उन्होंने इस बात को कुबूल किया के वे बच्चों से काम करा रहे थे।
बरहाल उप जिलाधिकारी ने अपनी पूरी जांच कर रिपोर्ट जिलाधिकारी को प्रेषित कर दी है। अब आगे की कार्रवाई जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को करना है।
जहां एक और टीचर का मर्तबा काफी बुलंद माना जाता है वहीं इस तरह का अपराध एक टीचर द्वारा मासूम बच्चों से कराने पर बाल श्रम अधिनियम के तहत बड़ा अपराध माना जाता है। इसमें कठोर से कठोर सजा का भी प्रावधान है।
बरहाल अभी स्कूल टीचर को इस हरकत की क्या सजा मिले ये जिला प्रशासन की ओर से जांच के बाद ही पता चल पाएगा।
इस मामले पर जिला अधिकारी आंजनेय कुमार सिंह ने बताया,” एक शिकायत आई थी जो मसवासी है, जो स्वार क्षेत्र में पड़ता है। जो बच्चे हैं उनसे प्लाई ढोने की बात सामने आई टीचर के द्वारा।
डीएम ने कहा,” मैंने एसडीएम को तत्काल वहां जाकर जांच करने के लिए कहा उन्होंने चाऊपूरा में एक प्राथमिक विद्यालय है उसमें उन्होंने जांच किया। जांच के बाद मैं उनकी रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूं। इस मामले पर मेने बीएसए को भी कार्यवाही के लिए बोल दिया गया है। इस मामले में एसडीएम की जांच के आधार पर बीएसए द्वारा कार्यवाही की जाएगी।
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