अभियोजन पक्ष द्वारा शत्रु संपत्ति के मामले में आजम और अब्दुल्ला के मामले में धाराएं बढ़ाने के लिए प्रार्थना पत्र दिया गया था। सोमवार को कोर्ट ने जिसको खारिज कर दिया है।
रामपुर (रिज़वान ख़ान): यूपी की हरदोई जेल में बंद आज़म खान के बेटे, सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम खान की जमानत अर्जी पर सोमवार को अभियोजन पक्ष की बहस के साथ सुनवाई पूरी हुई। MP- MLA कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है।
बता दें कि कुछ माह पहले शत्रु संपत्ति को खुर्द-बुर्द करने के आरोप से घिरे सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां व उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खां को रामपुर पुलिस ने क्लीन चिट दी थी। जिस पर यह मामला शासन तक पहुंचा था। जिसके बाद इस मामले में शासन ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार शुक्ला के खिलाफ जांच बैठा दी थी। इस मामले की दोबारा से विवेचना करने के आदेश दिए गए थे।
पुलिस अधीक्षक विद्यासागर मिश्रा ने इस मामले की विवेचना अपराध शाखा के इंस्पेक्टर नवाब सिंह को दी थी। नवाब सिंह इस वक्त शहर कोतवाल हैं। इस मामले में पिता-पुत्र को कोर्ट में आरोपी बनाया जा चुका है।

यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है। इस मामले में अब्दुल्ला आजम की जमानत अर्जी पर सोमवार को सुनवाई हुई। इस दौरान अब्दुल्ला आजम के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि पत्रावली पर उनके वादी के खिलाफ पुख्ता सुबूत नहीं हैं। पुलिस ने सह अभियुक्त के बयान पर झूठा फंसाया है।
अभियोजन की ओर से सहायक अभियोजन अधिकारी स्वदेश शर्मा ने दलील दी कि अब्दुल्ला आजम ने अन्य आरोपियों के साथ मिलकर अपराध को अंजाम दिया है और इसके सुबूत पत्रावली पर मौजूद है। लिहाजा, जमानत निरस्त की जाए। दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है। फैसला जल्द आने की उम्मीद है।