Notice: Function _load_textdomain_just_in_time was called incorrectly. Translation loading for the rank-math domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home3/globazty/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114
बाबा साहब अंबेडकर पर जातिगत टिप्पणियां करने वाले गीता प्रेस को गाँधी शांति पुरस्कार देना दलित समाज का अपमान- शाहनवाज़ आलम - globaltoday

बाबा साहब अंबेडकर पर जातिगत टिप्पणियां करने वाले गीता प्रेस को गाँधी शांति पुरस्कार देना दलित समाज का अपमान- शाहनवाज़ आलम

Date:

प्रदेश भर से राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर अल्पस्यंखक कांग्रेस ने हस्तक्षेप की मांग की

लखनऊ, 18 जुलाई 2023: अल्पसंख्यक कांग्रेस ने देश के प्रथम क़ानून मंत्री बाबा साहब अंबेडकर पर अतीत में जातिगत टिप्पणियां करने वाले गीता प्रेस को केंद्र सरकार द्वारा 2021 का गाँधी शांति पुरस्कार देने के निर्णय के खिलाफ़ राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर हस्तक्षेप करने की मांग की है।

लखनऊ मुख्यालय से जारी बयान में अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि गीता प्रेस प्रकाशन ने अपनी पत्रिकाओं के माध्यम से लगातार देश के प्रथम क़ानून मंत्री और संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन बाबा साहब अंबेडकर जी पर जातिगत टिप्पणियों वाले लेख छापकर उन्हें अपमानित किया है। उदाहरण के बतौर इस प्रकाशन की पत्रिका ‘कल्याण’ के जून 1948 के अंक में प्रकाशित लेख हिंदू कोड बिल: हिंदू संस्कृति के विनाश का आयोजन’ को देखा जा सकता है जिसमें बाबा साहब पर जातिगत टिप्पणी करते हुए लिखा गया ‘स्वयं हीनवर्ण के होते हुए उन्होंने बुढ़ापे में एक ब्राह्मण महिला से शादी की और हिंदू कोड बिल पेश किया’।

उन्होंने कहा कि बाबा साहब के खिलाफ़ इस तरह की जातिसूचक भाषा का इस्तेमाल हमारे उन संवैधानिक मूल्यों के विरुद्ध है जिसपर देश आस्था रखता है। सरकार को बताना चाहिए कि आधुनिक भारत के निर्माताओं में से एक अहम शख्सियत के खिलाफ़ ऐसी अमर्यादित भाषा लिखने वालों को सम्मानित करके वो क्या संदेश देना चाहती है।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि आज ज़िला अधिकारियों के माध्यम से राष्ट्रपति महोदया को प्रेषित ज्ञापन में मांग की गयी कि सरकार के फैसले को बदलने के लिए हस्तक्षेप करें। उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज से आने वाली राष्ट्रपति महोदया से उम्मीद की गयी है कि वो बाबा साहब का अपमान नहीं होने देंगी।

उन्होंने कहा कि दलित समाज समझ रहा है कि बाबा साहब के सामाजिक परिवर्तन के दर्शन को कमज़ोर करने और उन्हें अपमानित करने के लिए ही मोदी सरकार ने इस प्रकाशन को पुरस्कृत करने का काम किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में दलित समाज बाबा साहब के इस अपमान का बदला भाजपा को हरा कर लेगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Share post:

Visual Stories

Popular

More like this
Related

एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना

राष्ट्रीय उर्दू भाषा विकास परिषद मुख्यालय में 'जनजातीय भाषाएं...

Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena

Lecture on ‘Tribal Languages and Tribal Lifestyles’ at the...

आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान

रामपुर, 20 नवंबर 2024: आज आम आदमी पार्टी(AAP) ने...
Open chat
आप भी हमें अपने आर्टिकल या ख़बरें भेज सकते हैं। अगर आप globaltoday.in पर विज्ञापन देना चाहते हैं तो हमसे सम्पर्क करें.