उत्तर प्रदेश/रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान की विधायकी 27 अक्टूबर को आए एमपी एमएलए कोर्ट के फैसले के बाद रद्द हो गई थी। इसी मामले को लेकर आजम खान(Azam Khan) ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट में रिट पिटिशन दायर किया जिसके बाद सर्वोच्च अदालत ने रामपुर की स्थानीय अदालत को इस मामले के जल्द निस्तारण को लेकर समय सीमा देते हुए आदेश जारी किए।
इसी मामले में आज आजम खान और चुनाव आयोग एवं सरकार का पक्ष रखने वाले अधिवक्ताओं के बीच अदालत में बहस पूरी हुई जिसके बाद कोर्ट ने अपना अहम फैसला सुनाते हुए आजम खान की स्टे एप्लीकेशन को खारिज कर दिया है।
अब माना जा रहा है कि रामपुर में भी उपचुनाव तय तारीख पर ही होगा।
वहीँ इस मामले पर एसपीओ राकेश कुमार मौर्य से हमने बात की तो उन्होंने बताया 27 तारीख को कोर्ट एसीजेएम फर्स्ट विशेष एमपी एमएलए न्यायालय ने आजम खान को 3 साल की सजा सुनाई थी जिसके आधार पर 28 तारीख को विधानसभा सचिवालय ने उनकी विधायकी रद्द कर दी थी, उसके बाद कल उन्होंने अपील फाइल की थी, उस अपील में इनका सेंटेंस सस्पेंड कर दिया गया था और इनको अंतरिम जमानत दे दी गई थी, एमपी एमएलए कोर्ट के लिए इनकी फ़ाइल ट्रांसफर कर दी गई थी, आज इस पर कनविक्शन पर स्टे के लिए अरगुमेंट था, दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद इनका स्टे नामंजूर कर दिया।
भाजपा नेता और इस मामले के वादी आकाश सक्सेना ने कहा जैसा कि आप से पहले कहा था कि सत्य की जीत होगी और सत्य की जीत हुई और जो एप्लीकेशन पड़ी थी वह खारिज हो गई।
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