डेढ़ साल से ज्यादा समय से सीतापुर जेल में बंद अब्दुल्लाह आज़म ख़ान की ज़मानत सुप्रीम कोर्ट से मंजूर हो चुकी है। लेकिन सुप्रीम कोर्ट से मिली ज़मानत में यह कंडीशन थी कि वादी मुक़दमा के बयान अदालत में दर्ज करने के बाद उन्हें रिहा किया जाए। ऐसे में अब जबकि रामपुर एमपी-एमएलए कोर्ट में अब्दुल्लाह आज़म ख़ान के दो पासपोर्ट के मामले में वादी मुक़दमा के बयान हो चुके हैं तो अब्दुल्लाह आज़म ख़ान के जेल से रिहाई की उम्मीद बन रही है।
Globaltoday.in | शहबाज़ मलिक | | रामपुर
इस मामले पर जब हमने शिकायतकर्ता आकाश सक्सेना उर्फ हनी से बात की तो उन्होंने बताया,”अब्दुल्लाह आज़म(Abdullah Azam) के जो पासपोर्ट वाला मामला है उसमें आज बयान दर्ज हुए हैं। उसमें आज पूरे दिन बयान दर्ज हुए और कल भी यह जारी रहेंगे, यह पासपोर्ट वाला मामला है। उसमें सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है, बयानों के बाद रिहा करने को कहा गया है। इसमें खाली अब्दुल्लाह आज़म मुजरिम है, सुप्रीम कोर्ट के द्वारा यही कहा गया है। आज भी जिरह हुई है और कल भी जारी रहेगी।
वहीं इस मामले पर सरकारी वकील अरुण प्रकाश सक्सेना ने बताया,”अब्दुल्लाह आज़म ख़ान के दो पासपोर्ट बनाए गए, एफआईआर में ऐसा आरोप है। उसमें ऐसा कहा गया है कि जब अब्दुल्लाह आजम माइनर थे तो उनके माता-पिता ने उनका पासपोर्ट बनवाया था। पासपोर्ट में उनकी बर्थ डेट 1-1 -1993 थी। सन 2012 में जब अब्दुल्लाह आजम ने उस पासपोर्ट को रिन्यू कराया, उन्होंने फिर से डेट ऑफ बर्थ 1-1-1993 लिखी थी। इसके बाद वादी मुकदमा आकाश सक्सेना ने इसकी शिकायत की तो अब्दुल्लाह आजम खान ने अपना वे पासपोर्ट सरेंडर कर दिया और एक नया पासपोर्ट बनवाया जिसमे 30-9-1990 जन्मतिथि लिखवाई थी। उसमें यह कहा मेरी पहले डेट ऑफ बर्थ गलत हो गई थी। पासपोर्ट ऑफिस ने उस पर कुछ पेनाल्टी डाली थी उसके बाद एक नया पासपोर्ट जारी कर दिया था। बाद में एक विस्तृत जांच की गई पासपोर्ट अधिकारी द्वारा और 30- 9-1990 का पासपोर्ट है वे इंपाउंड किया जा चुका है। एफआईआर 594/ 2020 जो कोतवाली सिविल लाइंस में धारा 420, 467, 468 471 आईपीसी में मुकदमा दर्ज किया गया था।आकाश सक्सेना ने आरोप लगाया गया है कि इसमें मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान ने दो पासपोर्ट बनवाए और दोनों का इस्तेमाल भी किया उस से विदेश यात्राएं भी कीं और उसे आईडी के रूप में भी इस्तेमाल किया जो एक अपराध है। उनके खिलाफ चार्ज फ्रेम हो चुके हैं। वादी आकाश सक्सेना का बयान दर्ज कराया जा चुका है और डिफेंस को मौका मिला है कि वे उनसे जिरह करें तो अभी आज पूरे दिन जिरह चली। संभवत न्यायालय की अनुमति से कल भी जिरह होगी। अब्दुल्लाह आज़म खान के पासपोर्ट वाले मामले में जो सुप्रीम कोर्ट ने बेल दी है उसके साथ कुछ कंडीशन भी रखी है। अब्दुल्लाह आजम की बेल वादी मुकदमा के बयान दर्ज कराने के बाद दी जाए। जैसे यह बयान पूरे हो जाएंगे जिरह पूरी हो जाएगी उसके बाद अब्दुल्ला बेल ले सकते हैं।
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