निकहत अंसारी अपने पति अब्बास अंसारी से ग़ैर क़ानूनी रूप से मिलने जेल पहुंची थीं। जेल से ही छापेमारी के बाद उनको गिरफ्तार किया गया था।
उत्तर प्रदेश/लखनऊ: माफ़िया पूर्व विधायक मुख़्तार अन्सारी(Mukhtar Ansari) की बहू और विधायक अब्बास अन्सारी की पत्नी निकहत बानो को सुप्रीम कोर्ट से बहुत बड़ी राहत मिली है।
सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने निकहत बानो को मानवीय आधार पर ज़मानत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा निकहत बानो का 1 साल का बच्चा है, लिहाज़ा मानवीय आधार पर उनको ज़मानत दी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट ने जमानत की शर्तों के लिए निकहत बानो को निचली अदालत जाने के लिए कहा है।
जेल में ग़ैरक़ानूनी रूप से पति से मिली थी निकहत
निकहत बानो(Nikhat Bano) चित्रकूट जेल में बंद अपने पति से गैरकानूनी रूप से मुलाकात के आरोप में गिरफ्तार हुई थी। निकहत बानो अभी जेल में बंद है।इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 29 मई को निकहत बानो की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
इसके बाद हाईकोर्ट के आदेश को निकहत बानो ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। दरअसल, उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में सबसे पहले अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत बानो और उनके ड्राइवर नियाज अंसारी को छापेमारी कर गिरफ्तार किया था। जांच के दौरान निकहत बानो को चित्रकूट जेल के पास मकान की व्यवस्था करवाने और बिना पर्ची के मुलाकात करवाने के मामले का पता चलने पर फराज खान को भी गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद पूरे महकमे पर भी गाज गिरी थी।
बिना इजाज़त अपने पति से नहीं मिलेंगी निकहत
पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक हैं। वह जेल में थे जब उनकी पत्नी निकहत बानो गैरकानूनी तरीके से जेल उनसे मिलने पहुंच गई थीं। जस्टिस एएस बोपन्ना और एमएम सुंद्रेश ने निकहत को राहत दी है। कोर्ट ने माना की याचिकाकर्ता एक महिला है और वह एक साल के बच्चे की मां भी है। कोर्ट ने उन्हें यह भी आदेश दिया कि बिना इजाजत वह अपने पति से कासगंज जेल मिलने नहीं जाएंगी।
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