कुछ दिन पहले ही महिला किसानों ने विरोध के तौर पर एनटीपीसी गेट पर मटके फोड़े थे।
बड़ी तादाद में किसान जिसमे बड़ी संख्या में महिलाएं भी थीं, नोएडा स्थिएत सांसद महेश शर्मा के आवास पर पहुंच गए। जहाँ एंट्री ना मिलने पर किसानों ने बाहर सड़क पर ही बैठकर नारेबाजारी शुरू कर दी। सड़क पर किसानों के बैठने की वजह से ट्रैफिक पुलिस ने रूट डायवर्ट दिया। नारेबाजी के बीच-बीच में किसान समान मुआवज़े की मांग कर रहे थे।
गौरतलब है कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा के सैकड़ों किसान बीते साल दिसम्बर से लगातार धरना-प्रदर्शन कर अपना विरोध जता रहे हैं और दिसम्बर, 2023 से बड़ी संख्या में किसान नेशनल थर्मल पॉवर कॉरपोरेशन (एनटीपीसी) गेट के पास धरने पर बैठे हुए हैं। इसके अलावा कभी डीएम आवास का घेराव तो कभी नोएडा अथॉरिटी और एनटीपीसी में तालाबंदी की कोशिश भी हो चुकी है। कुछ दिन पहले ही महिला किसानों ने विरोध स्वीरूप एनटीपीसी गेट पर मटके भी फोड़े थे।
ये भी पढ़ें:-
- स्विट्जरलैंड में जनवरी 2025 से महिलाओं के बुर्के पर प्रतिबंध
- अमेरिका ने रूस को सैन्य उपकरण सप्लाई करने वाली 19 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगा दिया
- ‘कब्रिस्तान में जगह न मिले तो मुझे घर में ही दफना देना’, फिलिस्तीनी की दिल दहला देने वाली वसीयत आई सामने
सांसद ने की किसानों से मुलाक़ात
अपनी मांगों के संबंध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना था कि एनटीपीसी और नोएडा अथॉरिटी उनकी मांगों को मानते हुए किसानों को बकाया मुआवजा दे और जो शर्तें पूरी होना बाकी रह गई हैं उन्हें पूरा किया जाए। किसानों के रुख को देखते हुए सांसद महेश शर्मा ने किसानों से मुलाकात की और उन्हें आश्वासन दिया कि जल्द ही उनकी मांगों को सरकार से मनवा लिया जाएगा। सांसद ने किसानों को बताया कि जो आप लोगों की मांग है वो नोएडा के स्तरर की नहीं है। इसलिए वो जल्द ही दिल्ली में होने वाली एक बैठक के दौरान एनटीपीसी के सामने इन मुद्दों को उठाएंगे।
क्या हैं किसानों की मांगें
किसानों की सबसे बड़ी मांग 10 फीसद डवलप जमीन को लेकर है। नियम है कि किसानों की जितनी जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा उसकी 10 फीसद डवलप जमीन किसानों को दी जाएगी। लेकिन 20 से 25 साल गुजर जाने के बाद भी किसानों को 10 फीसद जमीन नहीं दी गई है।
किसान नेता सुखवीर खलीफा ने कहा कि जब तक हम अपना हक नहीं लेंगे, यहां से जाने वाले नहीं हैं। उनका आरोप है कि डेढ़ साल पहले भी 122 दिन के प्रदर्शन में मांगों को लेकर सांसद और विधायक के सामने नोएडा प्राधिकरण के अधिकारियों ने समझौता कराया था। लेकिन, मांग पूरी नहीं हुई।
- एक दूसरे के रहन-सहन, रीति-रिवाज, जीवन शैली और भाषा को जानना आवश्यक है: गंगा सहाय मीना
- Understanding Each Other’s Lifestyle, Customs, and Language is Essential: Ganga Sahay Meena
- आम आदमी पार्टी ने स्वार विधानसभा में चलाया सदस्यता अभियान
- UP Bye-Elections 2024: नेता प्रतिपक्ष पहुंचे रामपुर, उपचुनाव को लेकर सरकारी मशीनरी पर लगाए गंभीर आरोप
- लोकतंत्र पर मंडराता खतरा: मतदाताओं की जिम्मेदारी और बढ़ती राजनीतिक अपराधीकरण- इरफान जामियावाला(राष्ट्रीय प्रवक्ता, आल इंडिया पसमंदा मुस्लिम महाज़)
- एएमयू संस्थापक सर सैय्यद अहमद खान को भारत रत्न देने की मांग उठी