Globaltoday.in|रईस अहमद | रामपुर
कृषि कानून के विरोध में किसान पिछले 2 महीने से ज्यादा हो गए आंदोलन करने को मजबूर हैं और सरकार से इस कानून को वापस करने की मांग पर अड़े हुए हैं। बरहाल किसान भी अपनी मांगे सरकार से बनवाने के लिए दिल्ली बॉर्डर पर बैठा हुआ है।
आज 6 फरवरी को किसान नेता राकेश टिकैत ने भारत बंद और चक्का जाम का ऐलान किया था। लेकिन इस भारत बंद और चक्का जाम से यूपी और उत्तराखंड को बाहर रखा गया।
यूपी और उत्तराखंड में परीक्षाओं को और गन्ना भुगतान को लेकर यह स्थगित किया गया। आज सिर्फ ज्ञापन देने का कार्यक्रम था। आज भारतीय किसान यूनियन के लोगों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया।
जनपद रामपुर में आज मुख्य चौराहों पर पुलिस की सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। भारतीय किसान यूनियन के कई दर्जन किसानों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को दिया। जिसमें उन्होंने मांग की है कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाए। उसके बाद उन्होंने फिल्म एक्टर कंगना रणावत के पोस्टर को भी आग लगाई और साथ-साथ उसकी हर फिल्म का बहिष्कार करने का भी ऐलान किया।
वहीं भारतीय किसान यूनियन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हनीफ़ वारसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा,”आज भारत बंद का और चक्का जाम का कार्यक्रम था लेकिन उसको स्थगित किया गया। आज सिर्फ ज्ञापन देने का ही कार्यक्रम किया गया है। और साथ ही साथ उन्होंने कहा,”आज हमने कंगना रनावत के पोस्टर भी जलाये है और उसकी हर फिल्म का हम बहिष्कार करेंगे। किसी भी सिनेमा में उसकी फिल्म लगेगी तो उसका विरोध करेगे।
कंगना के पोस्टर फूंके गए
उन्होंने कहा,”कंगना रनावत ने किसानों पर अभद्र टिप्पणी की है। कहती है कि लग्जरी गाड़ियों से घूम रहे हैं और काले चश्मे लगाए हुए हैं, पिज़्ज़ा खा रहे हैं… ये किसान नहीं है इसी बात का किसान विरोध कर रहा है। आज अगर हम टिकट खरीद कर कंगना रनावत की फिल्म नहीं देते तो आज कंगना राणावत इस मुकाम पर होती, उसको बनाने वाले भी हम ही लोग हैं।”
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