Globaltoday.in | तासीन फ़ैयाज़ | रामपुर
- दलित समाज के समाजसेवी विक्की राज एडवोकेट ने अलविदा के दिन रखा रोज़ा
- आजम खान की कोरोना और जेल से मुक्ति के लिए की प्रार्थना
- 16 घंटे 40 मिनट भूखे प्यासे रहकर अपने मुस्लिम दोस्तों के साथ किया रोज़ा इफ़्तार
- मांगी आजम खान के स्वास्थ और उन की रिहाई की दुआ
रमज़ान का पाक और मुबारक महीना चल रहा है जिसमें मुसलमान सुबह से पहले ही खाना पीना सब कुछ छोड़ देते हैं और सूरज डूबते समय रोज़ा इफ़्तार करते हैं।
उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक शहर रामपुर मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है। बड़ी तादाद में यहां लोग रोज़े रखते हैं। रमज़ान में तो यहां का मंज़र देखने लायक़ होता है। बाजारों में रौनक होती है, खरीदारी की चहल-पहल होती है और मस्जिदों में नमाज़ियों की भीड़।
लेकिन इस बार कोरोना महामारी के चलते ना तो मस्जिदों में भीड़ है और ना ही बाजारों में रौनक़, अब ले दे कर अगर कुछ रह गया है तो वह है रोज़ा जिसको बड़ी तादाद में लोग अपने घरों पर रह कर रख रहे हैं और अल्लाह से दुआ कर रहे हैं कि वह उनको और उनके चाहने वालों को कोरोना महामारी से बचाए और जो बीमार हैं उनको स्वस्थ करें।
ऐसे में एक गैर मुस्लिम भी है जो रमज़ान के रोज़े के सहारे अपने मन की कामना को ईश्वर (अल्लाह ) से पूरी कराना चाहते हैं। वह हैं विकी राज एडवोकेट जो के दलित समाज के हैं और आज़म खान के घोर समर्थक रहे हैं।
विकी राज ने सीतापुर जेल में बंद आजम खान के कोरोना से संक्रमित होने की खबर सुनकर आजम खान के स्वास्थ्य लाभ के लिए और जेल से छुटकारा दिलाने के लिए अलविदा का रोज़ा रख डाला।
अलविदा रमज़ान माह का आखरी शुक्रवार होता है जिसकी धार्मिक अहमियत है और मान्यता है कि इस दिन अल्लाह रोज़ेदार की दुआएं सुनता है और मन्नते पूरी करता है। शायद इसीलिए विकी राज एडवोकेट में अलविदा का रोज़ा रखा और साढ़े 16 घंटे भूखे प्यासे रहे। शाम को जब इफ़्तार का वक़्त हुआ तो उन्होंने अपने मुस्लिम दोस्तों के साथ बैठकर रोज़ा खोला और आजम खान की रिहाई और उनके स्वास्थ्य लाभ की दुआएं कीं।
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