राहुल गांधी ने कांग्रेस की विचारधारा को जीवित और जीवंत बताया। कहा- कांग्रेस पार्टी की विचारधारा एक सुंदर गहने की तरह है, जिसके अंदर एक अनंत शक्ति है। इसलिए ये कांग्रेस की विचारधारा अब बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा का मुकाबला करेगी।
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने हिंदू धर्म और हिंदुत्व के बीच में अंतर बताया है। राहुल गाँधी शुक्रवार को वर्धा के सेवाग्राम आश्रम में आयोजित चार दिवसीय एआईसीसी ओरिएंटेशन कार्यक्रम में ऑनलाइन शामिल हुए। इस कार्यक्रम में देशभर से कांग्रेस के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर बोलते हुए राहुल गांधी ने कहा कि हिंदुत्व और हिंदू धर्म में बड़ा फ़र्क़ है।
अगर आप हिंदू हैं तो आपको हिंदुत्व की आवश्यकता क्यों है?
राहुल गांधी ने कार्यक्रम में बोलते हुए कहा कि सीधा तर्क है कि अगर आप हिंदू हैं तो आपको हिंदुत्व की आवश्यकता क्यों है? आपको इस नए नाम की क्या जरूरत है? क्या सिख या मुसलमान को पीटना हिंदू धर्म है? हिंदुत्व तो निश्चित रूप से यही है। ये हिंदू धर्म की किस किताब में लिखा है? मैंने इसे नहीं देखा है। मैंने उपनिषद पढ़े हैं। लेकिन मैंने इसे वहां भी नहीं पढ़ा।
राहुल गांधी ने कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि भारत में दो विचारधाराएं हैं। जिनसे देश के लोग प्रभावित हैं, एक कांग्रेस की विचारधारा और एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा। हमें स्वीकार करना होगा कि बीजेपी-आरएसएस ने आज के भारत में नफरत फैलाई है।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस की विचारधारा जीवित और जीवंत है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा एक सुंदर गहने की तरह है, जिसके अंदर एक अनंत शक्ति है। लेकिन यह बीजेपी हावी हो गई है, इसलिए ये कांग्रेस की विचारधारा अब बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा का मुकाबला करेगी। संगठन के भीतर अपनी पार्टी के विचारों को मजबूत करने और उनका पूरे देश में प्रसार ठीक तरह से करना होगा।
राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस ने पिछले दौर में अपने विचारों का ठीक से प्रचार प्रसार नहीं किया। यह समय, कांग्रेस की विचारधारा को संगठन में मजबूत करने और पार्टी कार्यकर्ताओं के माध्यम से पूरे भारत में फैलाने का है। राहुल गांधी ने कहा कि हमें ऐसे लोग तैयार करने होंगे जो हिंदू धर्म और हिंदुत्व में अंतर समझें और लोगों को समझाएं।