रामपुर(रिज़वान ख़ान): उत्तर प्रदेश के जनपद रामपुर के कोठी ख़ास बाग में बना इमामबाड़ा खास है। नवाब परिवार के सदस्य ओर पूर्व मंत्री नावेद मियॉँ मियां का कहना है कि रामपुर का इमामबाड़ा 1949 में स्थापित हुआ था और यह उनके खानदान की अज़ादारी का प्रमुख स्थल रहा है। इसे आजादी के बाद 1949 में रामपुर रियासत के अंतिम शासक नवाब रजा अली खान ने बनवाया था।
इस इमामबाड़े और उसमें रखी ज़रीह की जियारत के लिए पूरे हिंदुस्तान से लोग आते हैं। कोठी खास बाग स्थित इमामबाड़ा हजरत इमाम हुसैन के रोजे की शबीह है।
नावेद मिया ने इस बात पर जोर दिया कि उनकी परंपराएं और धार्मिक गतिविधियां हमेशा इसी इमामबाड़े में होती आई हैं। उन्होंने आगे बताया कि हाल ही में किले का इमामबाड़ा आम जनता के लिए खोल दिया गया है, जिससे लोग यहां आकर अपने धार्मिक कर्तव्यों का पालन कर सकें।
इस समय, इमामबाड़े में लगभग 1200 अलम और पटके स्थापित हैं, जो इसकी धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाते हैं। इन अलमों और पटकों के माध्यम से अज़ादारी की रस्में अदायगी की जाती हैं, जो क्षेत्र के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है।
नावेद मिया ने यह भी कहा कि इमामबाड़ा केवल धार्मिक गतिविधियों का स्थल नहीं, बल्कि यह सामुदायिक एकता और सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक भी है।
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