शाहीनबाग में कोई अतिक्रमण नहीं मिला तो गोदी मीडिया ने बोर्ड लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाले मचान को ही मुद्दा बना डाला।
अतिक्रमण हटाने के नाम पर मुल्क भर में मुसलमानों को निशाना बनाया जा रहा है। दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी सांप्रदायिकता को बढ़ावा दे रही है। शाहीनबाग के नाम पर देश की जनता का ध्यान गंभीर मुद्दों से भटकाया जा रहा है। यह विचार ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्त्तेहादुल मुस्लिमीन(AIMIM) दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने शाहीनबाग में मीडिया के लोगो कों संबोधित करते हुऐ रखे।
याद रहे कि सोमवार को सुबह 11 बजे शाहीनबाग मे बुलडोज़र पहुंचा। उसके साथ एम.सी.डी. के पदाधिकारी और पुलिस के बड़े-बड़े अधिकारी मौजुद थे। बुलडोज़र की सूचना मिलते ही लोगों की अच्छी-खासी भीड़ जमा हो गई और लगभग सभी मीडिया समूह के लोग भी पहुंचे। जहां एक-तरफ गोदी मीडिया इस कार्यवाही को अवैध कब्जा कह रहा था, वहीं दूसरी तरफ सच्चाई ये है कि शाहीनबाग मे कोई अवैध कब्जा नही मिला। एक शोरूम के बोर्ड पर लगाई गई मचान को ही गोदी मीडिया ने कब्जे का नाम दे दिया। उसको भी वहाँ के निवासियों ने ख़ुद ही खोल दिया और बुलडोज़र को बैरंग वापस लौटना पड़ा।
कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा की बी.जे.पी. अपने भक्तों को दिखाना चाहती है कि हम मुसलमानों को चैन से जीने नहीं देगें। इसलिये कि भक्त सिर्फ इसी बात से खुश है कि सांप्रदायिक सरकारें मुसलमानों के जीवन, सम्मान और संपत्ति को बर्बाद कर रही हैं। उन्हें बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई की परवाह नहीं है। दिल्ली के एम.सी.डी. पर पिछले 15 साल से बी.जे.पी. की सरकार है। अगर वह कहती है कि यहां अतिक्रमण है तो उसे ये बताना चाहिए कि अतिक्रमण किसने करवाया था। बी.जे.पी. के सभी पार्षद पहले रिश्वत लेकर कब्जा करवाते हैं फिर उस नाज़ायज़ कब्जे को हटवाने के नाम पर पैसे लेते हैं।
बी.जे.पी. में जितना हो सके मुसलमानों पर अत्याचार करने और उन्हें नुकसान पहुंचाने की होड़ लगी हुई है। उत्तर प्रदेश में बाबा बुलडोज़र हैं, खरगोन में मामा बुलडोज़र हैं और दिल्ली में अमित शाह बुलडोज़र हैं। इनमे से सब एक-दूसरे से आगे बढ़ जाना चाहता हैं।
कलीमुल हफ़ीज़ ने शाहीनबाग की जनता की प्रसंसा करते हुए कहा कि यहाँ के निवासियों के आपसी इत्तेहाद ने बी.जे.पी. की साजिश को विफल किया। उन्होंने कहा कि कोई भी नही चाहता सड़को को तंग किया जाये। लेकिन इसका यह मतलब नहीं है कि सड़क किनारों पर दुकान लगाने वालों का रोज़गार ही छीन लिया जाये। हमारी मांग है सरकार के लोग इंसाफ से काम करें। मुसलमानों को निशाना बनाकर राजनीति ना करें वरना यह हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए अच्छा नहीं होगा।
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